मुंबई-ट्रांस हार्बर लिंक में आई दरारों को देख BJP पर भड़के नाना पटोले, 'अटल बिहारी बाजपेयी के नाम पर...'
Atal Setu Crack: मुंबई में बने अटल सेतु में पड़ी दरार का आज महाराष्ट्र कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने निरीक्षण किया है. इस दौरान पटोले ने भ्रष्टाचार के मुद्दे पर सीएम एकनाथ शिंदे पर निशाना साधा.
Mumbai-trans Harbour Link Crack: महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले ने मुंबई-ट्रांस हार्बर लिंक (एमटीएचएल) अटल सेतु पर आई दरारों का निरीक्षण किया. इस सेतु का उद्घाटन इस साल जनवरी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था. सेतु का निरीक्षण करते हुए पटोले ने कहा, "दरारें दर्शाती हैं कि लोगों की जान खतरे में है."
महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले ने कहा, "पूरे राज्य में भ्रष्टाचार है. हम (विधानसभा में) भ्रष्टाचार के कई उदाहरण पेश करेंगे. अटल बिहारी बाजपेयी का भारत की जनता सम्मान करती है. लेकिन बीजेपी उनके नाम पर भ्रष्टाचार करने से नहीं हिचकिचाती. महाराष्ट्र अमित शाह और नरेंद्र मोदी का एटीएम बन गया है. इसलिए वे महाराष्ट्र की झूठी तारीफ करते हैं."
#WATCH | Mumbai: Maharashtra Congress President Nana Patole says, "... There is corruption in the whole state. We will present a lot of examples of corruption (in the Vidhan Sabha). Atal Bihari Bajpayee is respected by the people of India. But the BJP does not hesitate while… pic.twitter.com/e6pjNGmAHB
— ANI (@ANI) June 21, 2024
मुंबई से नवी मुंबई को जोड़ने वाले अटल सेतु में आई दरार की खबर पर MMRDA ने अब सफाई दी है. उन्होंने कहा, ब्रिज को कनेक्ट करने वाले रोड पर क्रैक है. इसकी वजह से ब्रिज को कोई नुकसान नहीं, और ना ही ट्रैफिक के आने-जाने में दिक्कत हो रही है. बारिश की वजह से यह दिक्कत आई है शाम तक ठीक हो जाएगी.
अटल सेतु की खासियत क्या है?
अटल सेतु का निर्माण कुल 17,840 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से किया गया. यह लगभग 21.8 किमी लंबा 6-लेन पुल है. समुद्र के ऊपर इसकी लंबाई लगभग 16.5 किमी और भूमि पर लगभग 5.5 किमी है. यह भारत का सबसे लंबा पुल और भारत का सबसे लंबा समुद्री पुल भी है.
इससे मुंबई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे और नवी मुंबई अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे को तेज कनेक्टिविटी बढ़ी और मुंबई से पुणे, गोवा और दक्षिण भारत की यात्रा के समय में कमी आयी. इससे मुंबई बंदरगाह और जवाहरलाल नेहरू बंदरगाह के बीच कनेक्टिविटी में भी सुधार की बात कही गई थी. पुल का शिलान्यास दिसंबर 2016 में प्रधानमंत्री ने किया था.
इस पुल में आईसोलेशन बियरिंग का उपयोग किया गया है, जो 6.5 रिक्टर स्केल तक के भूकंप के झटकों को सहन कर सकता है. नॉइस बैरियर और साइलेंसर शोर को कम करते हैं, जिससे समुद्री जीव और यात्री परेशान नहीं होते. इसके अलावा, कम ऊर्जा वाली LED लाइटें इस्तेमाल की गई हैं, जो समुद्री जीवन को प्रभावित नहीं करतीं.
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