Pune News: महाराष्ट्र के पुणे (Pune) शहर में विपक्षी कांग्रेस ने बुधवार को प्याज (Onion) के निर्यात पर 40 प्रतिशत शुल्क लगाने के फैसले को हटाने की मांग करते हुए प्रदर्शन किया. कांग्रेस ने बीजेपी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार को किसान विरोधी करार दिया. गले में प्याज की माला गले में बांधे कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले (Nana Patole) और किसानों के साथ कांग्रेस के कई नेताओं ने रास्ता रोको आंदोलन शुरू किया.
पटोले ने कहा, ''मैंने प्याज के कई किसानों और व्यापारियों से चाकन के बाजार में मुलाकात की. प्याज के निर्यात पर 40 प्रतिशत शुल्क लगाकर सरकार किसानों के घाव पर नमक रगड़ रही है.'' उन्होंने प्याज को नाफेड और एनसीसीएफ के जरिए बेचे जाने का भरोसा देने पर सवाल किया. और कहा कि हर कोई नाफेड की स्थिति से वाकिफ है.
क्या सरकार देगी मुआवजा- नाना पटोले
नाना पटोले ने कहा कि प्याज सड़ने वाला अनाज है और अगर नाफेड 10 दिन बाद प्याज खरीदता है तो वह खराब हो जाएगा, तो क्या सरकार मुआवजा देगी. उन्होंने सरकार को किसान विरोधी करार दिया. नाना पटोले ने आगे कहा कि अगर सरकार दावा करती है कि यह किसानों के प्रति संवेदनशील है तो फिर यह 40 प्रतिशत शुल्क हटा दे. उन्होंने आगे कहा, ''अगर प्याज निर्यात होता है, किसानों को पैसा मिलेगा. लेकिन केंद्र में बीजेपी नहींच चाहती है कि किसान पैसा कमाएं बल्कि कर्ज में डूबे रहे.'' बता दें कि ऐसा ही प्रदर्शन शरद पवार के गुट वाली एनसीपी के नेताओं ने भी किया है.
बफर स्टॉक के लिए खरीदे जा रहे प्याज
लासलगांव में एशिया के सबसे बड़े थोक प्याज बाजार सहित नासिक के अधिकांश समिति में प्याज की नीलामी बंद कर दी गई है क्योंकि व्यापारी प्याज पर निर्यात शुल्क में बढ़ोतरी के खिलाफ हैं. उधर सरकार का कहना है कि इसने बफर स्टॉक के लिए महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश से 2410 रुपये प्रति क्विंटल की दर से प्याज खरीदना शुरू कर दिया है.
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