Maharashtra Politics: महाराष्ट्र में चुनाव से पहले कांग्रेस में मतभेद, पदाधिकारियों ने दिया धरना, इस्तीफे की चेतावनी
Maharashtra: महाराष्ट्र में कांग्रेस के अंदर चुनाव से पहले ही मतभेद की खबरें सामने आ रही है. इस बीच कई पदाधिकारी धरने पर बैठ गए हैं और उन्होंने इस्तीफे की धमकी भी दी है. जानें क्या है पूरा मामला.
Maharashtra Congress: एक तरफ जहां कांग्रेस पार्टी में नई जान फूंकने के लिए राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा का पहला चरण पूरा हो गया है. राहुल गांधी ने कन्याकुमारी से कश्मीर तक पैदल यात्रा की. उसके बाद विधान परिषद चुनाव के दौरान नाना पटोले और बालासाहेब थोराट के बीच विवाद हो गया. इसके बाद कांग्रेस नेताओं ने बीच-बचाव कर विवाद शांत कराया. लेकिन अब जिले में ही कांग्रेस के अंदरुनी कलह खुलकर सामने आ गई है. एबीपी माझा के अनुसार, गोंदिया जिला कांग्रेस रक्षा समिति के गठन और पार्टी से बगावत करने वाले पदाधिकारियों पर कार्रवाई के लिए आज से अनिश्चितकालीन धरना शुरू कर दिया गया है.
क्या है मामला?
हाल ही में हुए कृषि उपज मंडी समिति चुनाव के दौरान कांग्रेस के एक गुट ने गोरेगांव में बगावत का आह्वान किया था, लेकिन अब कांग्रेस के कुछ पदाधिकारियों ने जिलाध्यक्ष की मंजूरी का आरोप लगाते हुए धरना शुरू कर दिया है. इसमें कांग्रेस नगर अध्यक्ष, 02 तालुका अध्यक्ष, 10 विभिन्न प्रकोष्ठों के अध्यक्ष, महिला अध्यक्षों के अलावा सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने इस धरना आंदोलन में भाग लिया है. एक बयान में प्रदेश कार्यकारिणी से बागी पदाधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की गई है और अगर मांग नहीं मानी गई तो पार्टी के कुछ कार्यकर्ताओं ने इस्तीफा देने का स्टैंड ले लिया है. इसलिए देखा जा रहा है कि कांग्रेस में आपसी मतभेद अच्छे से भड़क गए हैं.
लगे ये आरोप
गोंदिया जिला कांग्रेस रक्षा समिति ने प्रदेश कमेटी को दिये बयान में आरोप लगाया है कि जिला उपाध्यक्ष गप्पू गुप्ता ने कांग्रेस पार्टी और पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के निर्णय पर विचार किये बिना अपने स्वार्थ के लिए राजकुमार पटले को उपाध्यक्ष नियुक्त किया. इसी तरह कांग्रेस पार्टी से अरुण गजभिये ने कृषि उपज मंडी समिति का चुनाव जीता था, वह पार्टी के भीतर ही उपसभापति का चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे थे.
लेकिन उनका विरोध कर स्थानीय विधायकों के सहयोग से सरकारी अमले पर दबाव बनाकर उन्हें उपाध्यक्ष पद के लिए नामांकन पत्र नहीं लेने दिया गया, जिससे कांग्रेस पार्टी और पार्टी के आला नेताओं को बड़ा झटका लगा और इस तरह पार्टी को दुविधा में डाल दिया, इस बयान में यह भी आरोप लगाया है. साथ ही गोंदिया जिला कांग्रेस रक्षा समिति की ओर से बागियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई के लिए अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल शुरू की गई है. ऐसा लगता है कि इससे कांग्रेस में अंदरूनी कलह छिड़ गई है.