Mumbai News: महाराष्ट्र कांग्रेस के अध्यक्ष नाना पटोले ने सोमवार को आरोप लगाया कि संसद का विशेष सत्र देश को बांटने के एजेंडे के साथ बुलाया गया है जिसमें मुंबई को महाराष्ट्र से अलग कर केंद्र शासित प्रदेश बनाने की योजना भी शामिल है. पटोले ने कहा, “विशेष सत्र न तो कोविड संकट के दौरान बुलाया गया था, न ही नोटबंदी के बाद, न ही इसे मणिपुर मुद्दे को संबोधित करने के लिए बुलाया गया था. लेकिन अब अहंकारी और मनमानी बीजेपी सरकार ने एक विशेष इरादे से एक विशेष सत्र बुलाया है.”
क्या बोले नाना पटोले?
राज्य कांग्रेस प्रमुख ने आगे कहा, “मुंबई अंतरराष्ट्रीय स्तर का शहर है, देश की वित्तीय राजधानी है, महाराष्ट्र और देश दोनों का गौरव है. लेकिन यह वही है जो बीजेपी नहीं देख सकती है और मोदी सरकार की योजना सभी सत्ता केंद्रों को मुंबई से गुजरात ले जाने की है.”
नाना पटोले ने लगाये आरोप
यह कहते हुए कि पिछले नौ वर्षों में मुंबई के महत्व को कम करने के लिए कई कदम उठाए गए हैं, पटोले ने कहा, “अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय केंद्र को गुजरात में स्थानांतरित कर दिया गया, मुंबई में बड़े पैमाने पर हीरे के व्यापार को गुजरात में स्थानांतरित कर दिया गया. यहां तक कि एयर इंडिया का मुख्यालय भी मुंबई से बाहर ले जाया गया है. अब बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) को गुजरात में स्थानांतरित करने की योजना है. पटोले की टिप्पणी राज्य सरकार के सामने नीति आयोग की प्रस्तुति के बाद शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे द्वारा किए गए इसी तरह के दावों की पृष्ठभूमि में आती है, जहां यह घोषणा की गई थी कि केंद्र शहर के लिए विकास योजना तैयार करेगा.
कांग्रेस ने किया ये दावा
कांग्रेस नेता ने दावा किया कि, “एमवीए सरकार मुंबई को महाराष्ट्र से अलग करने की बीजेपी की योजना में एक बाधा थी. इसलिए, केंद्र और राज्यपाल की मदद से एमवीए सरकार को हटा दिया गया. जब से शिंदे के नेतृत्व वाली सरकार सत्ता में आई है, मुंबई और महाराष्ट्र से सभी बड़ी परियोजनाओं को गुजरात स्थानांतरित कर दिया गया है.” उन्होंने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली बीजेपी सरकार ने एजेंडे का खुलासा किए बिना या विपक्ष या यहां तक कि संसदीय व्यापार सलाहकार समिति सहित किसी से परामर्श किए बिना, 18 से 22 सितंबर तक संसद का विशेष सत्र बुलाने का निर्णय लिया है.