2006 नांदेड़ ब्लास्ट केस में 19 साल के बाद फैसला, कोर्ट ने 12 आरोपियों को किया बरी
Nanded Blast Case: महाराष्ट्र की एक अदालत ने नांदेड़ 2006 के ब्लास्ट मामले में फैसला सुनाया है. इस घटना में 2 लोगों की मौत हो गई थी. यह ब्लास्ट सिंचाई विभाग के पूर्व अधिकारी के घर किया गया था.
Maharashtra News: महाराष्ट्र के नांदेड़ (Nanded) में अप्रैल 2006 को हुए ब्लास्ट मामले में 12 लोगों को अदालत ने बरी कर दिया है. इन्हें नांदेड़ की एक अदालत ने बरी किया है. यह ब्लास्ट एक घर में हुआ था जिसमें दो लोगों की मौत हो गई थी. इन सभी को सबूतों के अभाव में बरी किया गया है.
राकेश धवाड़े समेत इनमें से कुछ आरोपियों के संबंध मालेगांव ब्लास्ट केस में भी आया था. मालेगांव ब्लास्ट 2008 में हुआ था. इस घटना में कई लोग मारे गए थे.कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि अभियोजन पक्ष कोई ठोस सबूत पेश करने में असफल रहा है. इस संबंध में आरोपियों के खिलाफ कोई मजबूत साक्ष्य भी नहीं मिले हैं.
19 साल के बाद आरोपियों को मिली राहत
यह मामला करीब 19 साल से चल रहा था जिसमें जांच एजेंसियों ने आरोपियों से लंबी पूछताछ की थी लेकिन पूछताछ में कुछ ठोस निकलकर नहीं आया और ना ही जांच एजेंसी कुछ साबित कर पाई.
मामले की जांच पहले SIT फिर CBI को सौंपी गई
6 अप्रैल 2006 को नांदेड़ के पटबंधारे नगर में एक घर से तेज धमाके की आवाज आई थी. पुलिस घटनास्थल पर पहुंची. उन्हें वहां नरेश राकोंडवर और हिमांशु पंसे मृत मिले. इसके अलावा चार अन्य लोग घायल हुए थे जिन्हें अस्पताल ले जाया गया. शुरुआत में ऐसा कहा गया कि पटाखे में विस्फोट से घटना हुई है. हालांकि अगले दिन घर की तलाशी के बाद यह केस एटीएस को सौंप दिया गया था.
बाद में यह केस सीबीआई को सौंप दी गई थी. जांच में यह बात सामने आई कि आरोपियों के तार पूणे, परभनी और जालना ब्लास्ट से भी जुड़े हैं. सीबीआई ने दो हजार पन्नो का चार्जशीट भी दाखिल की थी. इस मामले में कई गवाहों के बयान दर्ज किए गए लेकिन जांच में कुछ भी ठोस नहीं निकल पाया.
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