Nanded Hospital News: नांदेड़ (Nanded) के जिस सरकारी अस्पताल में बीते दिनों 31 मरीजों की मौत हो गई थी अब उसके डीन के खिलाफ गैर-इरादतन हत्या (Murder) के आरोप में एफआईआर दर्ज की गई है. अपने ऊपर हुई एफआईआर को लेकर डीन डॉ. श्यामराव वाकोड़े ( Dr Shyamrao Wakode) ने कहा कि उन्हें इसकी जानकारी मिली है. लेकिन इस बारे में कोई आधिकारिक पेपर नहीं मिला है.


अस्पताल के डीन ने गुरुवार को पत्रकारों से कहा, ''मैंने भी मीडिया में देखा है कि हत्या का अपराध दर्ज हुआ है. अभी मुझे ऐसा कोई आधिकारिक पेपर नहीं मिला है.'' दरअसल, कार्यवाहक डीन और एक डॉक्टर के खिलाफ यह केस दर्ज हुआ है. उनके खिलाफ एक व्यक्ति ने अपनी बेटी और उसकी नवजात बच्ची की मौत के बाद शिकायत दर्ज कराई थी. 


पीड़ित परिवार ने पुलिस में की यह शिकायत
 एफआईआर में कहा गया है कि 21 वर्षीय अंजलि को 30 सितंबर की रात करीब 8 बजे अस्पताल ले जाया गया. उसने 1 अक्टूबर को लगभग 1 बजे एक बच्ची को जन्म दिया. अंजलि के पिता कामाजी टोम्पे ने अपनी शिकायत में कहा कि डॉक्टरों ने बाद में कहा कि मां और बच्चा ठीक हैं. हालांकि अंजलि को सुबह ब्लीडिंग होने लगी और बच्चा भी ठीक नहीं था. डॉक्टरों ने फिर हमसे दवाइयां, ब्लड बैग और अन्य जरूरी सामान लाने के लिए कहा. 



पिता का आरोप, जानबूझकर नहीं किया इलाज
कामाजी टोम्पे का कहना है कि जब वे सामान लेकर आए तो डॉक्टर वार्ड में नहीं थे. शिकायत में टोम्पे ने कहा कि डीन वाकोड़े ने उन्हें जानबूझकर बिठाकर रखा और अंजलि की जांच के लिए डॉक्टर या स्टाफ नर्स नहीं भेजा. इसके बाद डॉक्टरों ने अंजलि की बेटी को मृत घोषित कर दिया और 2 अक्टूबर की सुबह 6 बजे उसका शव सौंप दिया. इसके बाद 4 अक्टूबर की सुबह 10.30 बजे अंजलि को मृत घोषित कर दिया गया. टोम्पे का आरोप है कि जानबूझकर अंजलि का इलाज नहीं करने दिया गया. शिकायत में यह भी कहा गया है कि डॉक्टरों ने 45000 की दवाई बाहर से लाने के लिए कही थी.  


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