Lok Sabha Elections 2024: महाराष्ट्र में एकनाथ शिंदे गुट की शिवसेना की ओर से ठाणे लोकसभा सीट से नरेश म्हस्के को उम्मीदवार बनाए जाने के बाद सियासी बवाल मचा है. इस सीट को लेकर शिंदे गुट की शिवसेना और बीजेपी के बीच मतभेद दिख रहे हैं. एबीपी माझा के मुताबिक ठाणे सीट को लेकर बीजेपी का विरोध जारी है. बीजेपी के कार्यकर्ता इस सीट पर अपनी पार्टी का उम्मीदवार खड़ा किए जाने की मांग कर रहे हैं.
नवी मुंबई के बाद मीरा भायंदर के बीजेपी पदाधिकारियों ने इस्तीफा दे दिया है. मीरा भायंदर के कार्यकर्ताओं ने इस बात पर जोर दिया कि बीजेपी इस सीट पर चुनाव लड़े, क्योंकि बीजेपी के पास ठाणे लोकसभा और 3 प्रमुख नगर पालिकाओं में से दो में सबसे अधिक विधायक हैं. बुधवार (1 मई) को महायुति की ओर से शिवसेना के नरेश म्हस्के की उम्मीदवारी की घोषणा की थी.
बीजेपी ठाणे सीट के लिए लगा रही थी जोर?
बीजेपी ने शुरू से ही ठाणे सीट पर जोर दिया. बीजेपी की विचारधारा की नींव रखने वाले रामभाऊ म्हालगी और राम कापसे ने इस निर्वाचन क्षेत्र का नेतृत्व किया. लेकिन 1996 के चुनाव में आनंद दिघे ने इस सीट पर दोबारा कब्जा कर लिया और तब से यह सीट शिवसेना के पास है. एकनाथ शिंदे की बगावत के बाद ठाणे के सांसद राजन विखरे ने उद्धव ठाकरे के साथ रहने का फैसला किया. इसके बाद बीजेपी ने इस सीट पर दावा ठोक दिया.
बीजेपी ने इस बात पर जोर दिया था कि यह सीट उसे मिलनी चाहिए क्योंकि उसके पास ठाणे लोकसभा क्षेत्र में सबसे अधिक विधायक हैं. लेकिन अब यह सीट शिंदे की पार्टी शिव सेना के पास चली गई है.
नवी मुंबई में बीजेपी की नाराजगी
शिंदे गुट के नरेश मस्के के नाम की घोषणा के बाद ऐसा लग रहा है कि यहां से चुनावी मैदान में उतरने के इच्छुक बीजेपी के संजीव नाईक के कार्यकर्ता गोलबंद हो गए हैं. इसके चलते नवी मुंबई से कुछ पदाधिकारियों ने इस्तीफा दे दिया है. बीजेपी पदाधिकारियों की नाराजगी के बाद शिवसेना उम्मीदवार नरेश म्हस्के और प्रताप सरनाईक ने गणेश नाइक से मुलाकात की. खबर है कि बीजेपी पदाधिकारियों ने भरोसा दिया है कि महायुति कार्यकर्ता अपनी बात रखेंगे और म्हस्के को भारी मतों से जीत दिलाएंगे.
किन नामों को लेकर थी चर्चा
बताया जा रहा है कि बीजेपी मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे का गढ़ माने जाने वाले ठाणे सीट पर कब्ज़ा करने के लिए उत्सुक थी. इसके लिए बीजेपी के संजीव नाईक और विधायक संजय केलकर का नाम चर्चा में था. जबकि एकनाथ शिंदे ने नरेश मस्के, प्रताप सरनाईक और रवींद्र फाटक के नाम पर चर्चा की. लेकिन एकनाथ शिंदे की सौदेबाजी के कारण ठाणे सीट शिवसेना के पास गई. नरेश म्हस्के को अप्रत्याशित रूप से उम्मीदवार के रूप में घोषित किया गया. इससे चार अन्य नामों का पत्ता कट गया है.
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