Maratha Reservation: 'नहीं करेंगे शॉपिंग ना जलाएंगे दीये', मराठा संगठन ने ‘काली दिवाली’ मनाने का किया फैसला
Maratha Reservation Protest: सकल मराठा समाज की नासिक जिला इकाई ने बैठक में एक प्रस्ताव पारित किया है, जिसमें कहा गया है कि वो दीपावली को 'काली दिवाली' के रूप में मनाएंगे.
Maratha Aarakshan Protest: नासिक में मराठा समुदाय के एक निकाय ने महाराष्ट्र में अति पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) श्रेणी के तहत आरक्षण मिलने तक दिवाली और अन्य आगामी त्योहार नहीं मनाने का बुधवार को फैसला किया. सकल मराठा समाज (एसएमएस) की नासिक जिला इकाई ने दीपावली को 'काली दिवाली' के रूप में मनाने के लिए नासिक शहर में आयोजित एक बैठक में एक प्रस्ताव पारित किया. बैठक में पारित प्रस्ताव के अनुसार, “मराठा समुदाय के सदस्य दिवाली के लिए कुछ भी नहीं खरीदेंगे. वे दीये नहीं जलाएंगे.”
बैठक में लिया गया ये निर्णय
एसएमएस ने यह निर्णय भी लिया कि नासिक जिले के प्रत्येक गांव में कम से कम दो लोग अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल करेंगे और अन्य क्रमिक भूख हड़ताल पर बैठेंगे. एसएमएस के एक पदाधिकारी ने कहा कि बैठक के दौरान नासिक जिले में विधायकों, सांसदों और मंत्रियों सहित राजनीतिक नेताओं के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाने का भी निर्णय लिया गया.
सर्वदलीय बैठक में क्या हुआ?
मराठा आरक्षण को लेकर सरकार की ओर से कल सर्वदलीय बैठक आयोजित की गई थी. बैठक में सभी प्रमुख दलों के नेता शामिल हुए थे. इस बैठक में सभी दलों के नेता मराठा समुदाय को स्थायी आरक्षण देने को लेकर एकमत हुए और सभी ने विधायकों के घरों पर हमले और पथराव पर चिंता व्यक्त की. बैठक में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, उपमुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस, एनसीपी प्रमुख शरद पवार और अन्य प्रमुख नेता शामिल हुए थे.
क्या बोले सीएम शिंदे?
सीएम एकनाथ शिंदे ने कहा था, राज्य में कानून व्यवस्था की समस्या उत्पन्न हो गयी है. सभी नेताओं ने हो रही दुर्भाग्यपूर्ण घटनाओं पर गहरी नाराजगी व्यक्त की. ऐसी घटनाओं के घटित होने से मराठा समुदाय का शांतिपूर्ण आंदोलन खराब हो गया। उन्होंने राय व्यक्त करते हुए कहा कि मराठा समाज को भी धैर्य रखने की जरूरत है, आरक्षण देने के लिए जो भी संभव होगा किया जाएगा. सभी दलों के नेताओं ने भी जरांगे से अनशन खत्म करने की अपील की है.