Nashik News: प्याज की कीमतों में गिरावट से व्यथित महाराष्ट्र के नासिक जिले में एक किसान ने सरकार की नीतियों के विरोध में और किसानों की दुर्दशा को उजागर करने के लिए अपनी फसल में आग लगा दी. होलिका उत्सव के दिन ये विरोध प्रदर्शन किया, जो महाराष्ट्र में होलिका दहन के लिए जाना जाता है.


प्याज के दाम गिरकर दो से चार रुपये किलो हुए


प्याज की खेती करने वाले संकट से जूझ रहे हैं क्योंकि नासिक में एशिया के सबसे बड़े थोक प्याज बाजार लासलगांव में कृषि उपज बाजार समिति (एपीएमसी) में रसोई के प्रमुख पदार्थ प्याज की कीमतों में गिरावट आई है. प्रति किलोग्राम प्याज की कीमत गिरकर 2 रुपये से 4 रुपये तक हो गए, जिससे उत्पादक नाराज हो गए, इन किसानों ने पिछले सप्ताह एपीएमसी में नीलामी को एक दिन के लिए रोक दिया था.


फसल जलाने वाले किसान ने सरकार को ठहराया दोषी


येओला तालुका के मथुलथन गांव के किसान कृष्णा डोंगरे ने डेढ़ एकड़ जमीन पर लगी प्याज की फसल को जला दिया. डोंगरे ने आंदोलन की घोषणा करते हुए एक निमंत्रण पत्र छपवाया था जो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया था. उन्होंने सरकार की नीतियों को दोषी ठहराया और कहा कि केंद्र और राज्य सरकारों ने किसानों को उनके भाग्य पर छोड़ दिया है. अपने सत्ता संघर्ष में वे इस बात पर ध्यान नहीं देते हैं कि किसान जी रहा है या मर रहा है. यह न केवल महाराष्ट्र के लिए बल्कि पूरे देश के लिए एक काला दिन है क्योंकि किसान को प्याज की होली जलाने के लिए मजबूर किया गया.


विरोध प्रदर्शन के दौरान मौजूद थे आसपास के गांवों के किसान 


इस विरोध प्रदर्शन के दौरान आसपास के गांवों के किसान मौजूद थे. प्याज की कीमतों में गिरावट ने नासिक जिले के साथ-साथ राज्य के बाकी हिस्सों में भी किसानों को नाराज कर दिया है और वे आंदोलन कर रहे हैं. महाराष्ट्र राज्य कांडा उत्पादक संगठन (एमआरकेयूएस) ने 27 फरवरी को लासलगांव एपीएमसी में प्याज की नीलामी रोक दी थी. इसी तरह के आंदोलन चंदवाड़ और जिले के अन्य हिस्सों और पूरे राज्य में पिछले सप्ताह किए गए थे.


किसानों ने किया केंद्रीय मंत्री भारती पवार


नासिक जिले के निफाड़ तालुका के शिरसगांव में रविवार को नाराज किसानों ने केंद्रीय मंत्री भारती पवार का घेराव किया.उन्होंने सवाल किया कि जब केंद्र कहता है कि उसने प्याज का निर्यात बढ़ाया है तो प्याज की फसल के अच्छे दाम क्यों नहीं मिल रहे हैं. एक किसान नेता ने मांग की थी कि सरकार चालू बजट सत्र के दौरान प्याज के लिए तुरंत 1,500 रुपये प्रति क्विंटल अनुदान की घोषणा करे और वर्तमान में 3,4,5 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से बेची जा रही उपज को 15 रुपये से 20 रुपये प्रति किलो खरीद ले.


नेफेड ने हाल ही में खरीदा है 18,743 क्विंटल प्याज


फरवरी में, सोलापुर जिले के एक किसान को उस समय गहरा धक्का लगा जब उसे पता चला कि उसने जिले के एक व्यापारी को अपने 512 किलो प्याज की बिक्री पर महज 2.49 रुपये का लाभ हुआ.  किसान ने कहा था कि उसकी प्याज की उपज सोलापुर मार्केट यार्ड में एक रुपये प्रति किलो की कीमत पर बिकी और सभी कटौतियों के बाद उसे शुद्ध लाभ के रूप में यह नगण्य राशि प्राप्त हुई. महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने हाल ही में विधायिका को बताया कि भारतीय राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन संघ ने बाजार से 18,743 क्विंटल प्याज खरीदा है.


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