'एशिया की सबसे बड़ी' प्याज मंडी में किसानों ने प्याज की नीलामी पर लगाई रोक, जानें क्या है वजह?
महाराष्ट्र राज्य कांदा उत्पादक संगठन के नेता भरत दिघोले ने कहा कि राज्य विधानमंडल के बजट सत्र के दौरान सरकार को तुरंत प्याज के लिए 1,500 रुपये प्रति क्विंटल के अनुदान की घोषणा करनी चाहिए.
Maharashtra News: महाराष्ट्र के लासलगांव कृषि उत्पाद बाजार समिति (एपीएमसी) में प्याज की कीमतों में लगातार गिरावट से नाराज किसानों ने सोमवार को प्याज की नीलामी रोक दी. एपीएमसी, एशिया की सबसे बड़ी प्याज मंडी है. प्याज की प्रति किलो कीमत घटकर दो से चार रुपये प्रति किलो रह गई है, जिससे किसान नाराज हैं. प्याज उत्पादकों के एक प्रतिनिधि ने कहा कि सरकार को तुरंत 1,500 रुपये प्रति क्विंटल प्याज का अनुदान घोषित करना चाहिए. साथ ही उनकी उपज को 15 रुपये से 20 रुपये प्रति किलोग्राम पर खरीदना चाहिए, अन्यथा वे नासिक जिले के लासलगांव एपीएमसी में नीलामी फिर से शुरू नहीं होने देंगे.
नीलामी बंद कर दी गई
सोमवार को सप्ताह के लिए बाजार खुलते ही नीलामी की प्रक्रिया शुरू होते ही प्याज का न्यूनतम मूल्य 200 रुपये प्रति क्विंटल, अधिकतम भाव 800 रुपये प्रति क्विंटल और औसत भाव 400-450 रुपये प्रति क्विंटल हो गया. नतीजतन, महाराष्ट्र राज्य कांदा उत्पादक संगठन के नेतृत्व में नाराज किसानों ने प्याज की नीलामी बंद कर दी और आंदोलन शुरू कर दिया. शनिवार को एपीएमसी में 2,404 क्विंटल प्याज पहुंचा और इसके दाम न्यूनतम 351 रुपये, अधिकतम 1,231 रुपये और औसत 625 रुपये प्रति क्विंटल रहे.
ये है मांगें
महाराष्ट्र राज्य कांदा उत्पादक संगठन के नेता भरत दिघोले ने कहा कि राज्य विधानमंडल के बजट सत्र के दौरान सरकार को तुरंत प्याज के लिए 1,500 रुपये प्रति क्विंटल के अनुदान की घोषणा करनी चाहिए. इसके साथ ही कहा कि उसे मौजूदा समय में 3, 4, 5 रुपये प्रति किलोग्राम की कीमत पर बेचे जाने वाले प्याज को 15 रुपये से 20 रुपये प्रति किग्रा की कीमत पर खरीदना चाहिए. अगर आज ये दोनों मांगें नहीं मानी गई, तो लासलगांव एपीएमसी में प्याज की नीलामी बिल्कुल भी शुरू नहीं होगी. एपीएमसी सूत्रों के मुताबिक, इस बीच संबंधित अधिकारी इस मुद्दे को हल करने के लिए बैठक कर रहे थे.