Maharashtra MLC Election Result: महाराष्ट्र की सियासत में इस शख्स की सबसे ज्यादा चर्चा! उद्धव के गठबंधन का बिगाड़ा खेल
Mumbai News: नासिक डिवीजन स्नातक सीट पर निर्दलीय लड़े सत्यजीत तांबे ने शानदार अंतर से जीत दर्ज की है. उन्होंने इस सीट पर निर्दलीय उम्मीदवार और एमवीए की समर्थित शुभांगी पाटिल को 29465 वोटों से हराया.
Maharashtra News: महाराष्ट्र विधान परिषद की पांच सीटों पर सोमवार को हुए चुनावों के परिणाम जारी किए जा रहे हैं. इन चुनावों में महाराष्ट्र के सत्ताधारी गठबंधन को तगड़ा झटका लगा है. अब तक जारी चुनाव परिणामों पर नजर डालें तो महाविकास अघाड़ी के खाते में दो, बीजेपी को एक जबकि एक सीट पर निर्दलीय उम्मीदवार की जीत हुई है, जबकि अमरावती सीट पर अभी मतगणना जारी है. चुनाव परिणाम आने के बाद सबसे अधिक चर्चा नासिक डिवीजन स्नातक सीट से जीते निर्दलीय उम्मीदवार सत्यजीत ताम्बे (Satyajeet Tambe) की हो रही है. उनके नाम की चर्चा होने की वजह भी बेहद खास है.
क्यों हो रही ताम्बे की महाराष्ट्र की राजनीति में चर्चा?
दरअसल सत्यजीत तांबे पूर्व कांग्रेस नेता और तीर बार के विधान पार्षद रहे सुधीर ताम्बे के बेटे हैं. कांग्रेस ने पहले सुधीर ताम्बे को ही नासिक डिवीजन स्नातक सीट पर अपना आधिकारिक उम्मीदवा घोषित किया था, लेकिन सुधीर ताम्बे ने अपना नामांकन ही नहीं भरा. इसके बाद सुधीर ताम्बे के बेटे सत्यजीत ताम्बे ने निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर अपना पर्चा दाखिल किया. उन्होंने इस सीट पर निर्दलीय उम्मीदवार और एमवीए की समर्थित शुभांगी पाटिल को 29465 वोटों से हराया. शुभांगी पाटिल को 39534 वोट मिले. यहां यह बताना भी जरूरी है कि सुधीर ताम्बे द्वारा नामांकन न दाखिल करने से नाराज कांग्रेस ने उन्हें और उनके बेटे को पार्टी से निलंबित कर दिया था.
जीत के बाद ताम्बे ने दिया जनता का धन्यवाद
सत्यजीत ने अपनी इस जीत के लिए महाराष्ट्र और नासिक डिवीजन सीट के वोटरों को धन्यवाद दिया है. ताम्बे ने ट्वीट कर कहा, 'मैं उत्तर महाराष्ट्र के सभी नागरिकों, नासिक स्नातक निर्वाचन क्षेत्र के मतदाताओं, इस चुनाव में मेरा समर्थन करने वाले हर संगठन, सभी राजनीतिक और सामाजिक नेताओं/कार्यकर्ताओं को धन्यवाद देता हूं. मैं आप सभी को विश्वास दिलाता हूं कि मैं आपको कभी निराश नहीं होने दूंगा.'
क्या पारिवारिक परंपरा निभाएंगे तांबे या थामेंगे बीजेपी का हाथ?
ताम्बे चाहते तो कांग्रेस की टिकट पर भी यहां से उम्मीदवार बन सकते थे लेकिन वह निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर मैदान में उतरे और आधिकारिक तौर पर किसी भी पार्टी द्वारा सपोर्ट न किये जाने के बाद भी उन्होंने शानदार जीत दर्ज की, इसलिए भी यह जीत उनके लिए काफी अहम है और यही वजह है कि महाराष्ट्र की राजनीति में उनकी खूब चर्चा हो रही है. सत्यजीत तांबे का परिवार शुरू से ही कांग्रेस पार्टी से जुड़ा रहा है.
ताम्बे की शैक्षिक योग्यता की बात करें तो उन्होंने हारवर्ड यूनिवर्सिटी से पढ़ाई की है. अब यह देखना दिलचस्प होगा कि सत्यजीत ताम्बे आगे चलकर कांग्रेस से जुड़कर अपने परिवार की परंपरा जारी रखेंगे या फिर सत्ताधारी बीजेपी में शामिल होंगे. सत्यजीत तांबे के चाचा बालासाहेब थोराट महाराष्ट्र कांग्रेस के विधायक दल के नेता हैं और महाराष्ट्र के पूर्व राजस्व मंत्री रह चुके हैं.