नासिक में मार्च के दौरान पत्थरबाजी की घटना के बाद एक्शन में पुलिस, 15 उपद्रवी हिरासत में
Nashik News: महाराष्ट्र के नासिक और जलगांव में बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों के साथ हो रही हिंसा की घटना के खिलाफ मार्च निकाला गया था लेकिन इस मार्च के दौरान मारपीट और पथराव शुरू हो गया.
Maharashtra News: महाराष्ट्र के नासिक (Nashik) और जलगांव (Jalgaon) में हिंदू संगठनों द्वारा बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचार के खिलाफ बुलाए गए बंद के दौरान शुक्रवार को दो गुटों में झड़प हुई. इस दौरान जमकर पथराव हुआ. पुलिस ने उपद्रवियों को तितर-बितर करने के लिए लाठीचार्ज किया और आंसू गैस का भी इस्तेमाल किया. स्थिति को नियंत्रित करने के दौरान छह पुलिसकर्मी भी घायल हो गए. हालांकि शनिवार को स्थिति पूरी तरह नियंत्रित है. इस घटना को लेकर नासिक पुलिस ने 15 लोगों को हिरासत में लिया है.वहीं, फोटो और वीडियो के आधार पर लोगों की पहचान भी कर ली गई है.
उधर, नासिक की घटना पर जोन 1 डीसीपी रविंद्र कुमार चौहान ने एएनआई को बताया, ''कल की घटना के बाद अलग-अलग थानों में एफआईआर दर्ज की गई है. अभी तक 15 लोगों को हिरासत में लिया गया है. फोटो और वीडियो के आधार पर लोगों की पहचान कर ली गई है. उनकी गिरफ्तारी की प्रक्रिया चल रही है. स्थिति नियंत्रित है. लोग अपने काम में लगे हुए हैं. आरोपियों पर जानमाल को नुकसान पहुंचाने संबंधी गंभीर धाराएं लगाए गई हैं. जिस इलाके में यह घटना है वहां पर पुलिस बल की तैनाती की गई है.''
नासिक में सकल हिंदू समाज ने बंद का आह्वान किया था जिस दौरान भद्रकाली इलाके में तनाव पैदा हो गया जहां पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस का इस्तेमाल किया. शांति बहाल करने के लिए मौके पर अतिरिक्त पुलिस बल को लगाया गया. पुलिस ने अफवाह ना फैलाने की अपील की है.
बंद के खिलाफ खोल रखी थीं दुकानें
गड़बड़ी तब शुरू हुई जब दोपहर के वक्त सकल हिंदू समाज के सदस्यों ने मार्च निकाला और साथ ही बाइक रैली निकाली, जब वे भद्रकाली इलाके में पहुंचे तो वहां बंद के विरोध में दुकानें खुली हुई थीं. मोर्चा के लोगों ने दुकानों को बंद करने की अपील की जिसके बाद दो गुटों में बहसबाजी शुरू हो गए और फिर मारपीट होने लगा.
शोरूम पर किया पथराव
उधर, जलगांव में शोरूम पर पत्थर फेंके गए जब सकल हिंदू समाज के मार्च निकाला. कुछ अज्ञात लोगों ने दो-पहिया वाहन के शोरूम पर पत्थराव किया. जिस वजह से इलाके में कुछ समय के लिए तनाव की स्थिति पैदा हो गई. प्रदर्शनकारियों ने कलेक्टर से मिलकर उन्हें मेमोरेंडम दिया.
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