Water Crisis In Nasik: गर्मियों की शुरुआत होते ही देश के अलग-अलग हिस्सों से पानी की किल्लत की तस्वीरें आनी शुरू हो गई हैं. इस समस्या से महाराष्ट्र (Maharashtra) भी अछूता नहीं है. यहां नासिक (Nasik) के रोहीले गांव में पानी की कमी से लोग परेशान हैं. पानी की कमी को पूरा करने के लिए महिलाएं कुएं की गहराई तक जा रहीं हैं.


यहां गांव के निवासियों ने बताया कि हमारे गांव में पानी की कमी है. हमें बहुत परेशानी होती है. एक युवती ने बताया कि कई बार तो मुझे अपनी पढ़ाई छोड़कर पानी लाने के लिए जाना पड़ता है. एक दिन मैं पानी लाने के लिए गई हुई थीं, उस दिन मेरी परीक्षा भी थी, जिसके बाद मैं परीक्षा में लेट हो गई थी.



सर्वेक्षण में सामने आई थी ये बात


बता दें कि बीते दिनों भूजल सर्वेक्षण और विकास एजेंसी के सर्वेक्षण में पता चला था कि पुणे, नासिक, धुले, जलगांव, नंदुरबार और अमरावती जिलों के 15 ब्लॉकों के 213 गांवों को अप्रैल से पेयजल की कमी का सामना करना पड़ सकता है. इन गांवों में पिछले पांच वर्षों में सितंबर में औसत जल स्तर की तुलना में पिछले साल सितंबर में भूजल स्तर में 1-2 मीटर की गिरावट देखी गई. इसके अलावा, यहां 2021 में मानसून में 20% से अधिक की वर्षा की कमी थी.


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अप्रैल महीने में नासिक के इतने गांव कर सकते हैं जल संकट का सामना


ऐसे गांवों की अधिकतम संख्या (102) नंदुरबार में है, जहां इसके छह तालुकों में से चार में पिछले साल सितंबर तक 20% से अधिक कम बारिश हुई थी. रिपोर्ट में संकेत दिया गया है कि पुणे जिले के अंबेगांव, दौंड, हवेली और बारामती ब्लॉक के 59 गांवों, पुणे शहर के आस-पास के गांवों, पुरंदर और शिरूर में पीने के पानी की कमी होने की संभावना है. इससे यह भी पता चला कि अप्रैल में नासिक के लगभग 29 गांवों में पीने के पानी की कमी का सामना करना पड़ सकता है.


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