Nawab Malik Bail Plea: नवाब मलिक की जमानत अर्जी पर तत्काल सुनवाई से होई कोर्ट का इंकार, जानें- क्या कहा?
हाई कोर्ट ने मामले की सुनवाई 6 जनवरी तक स्थगित कर दी है. नवाब मलिक को इस साल फरवरी में गिरफ्तार किया गया था. वे अभी न्यायिक हिरासत में हैं. एक प्राइवेट अस्पताल में उनका इलाज चल रहा है.
बॉम्बे हाई कोर्ट ने एक जमीन के सौदे से जुड़े धन शोधन के मामले में महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री नवाब मलिक (Nawab Malik) की जमानत अर्जी पर तत्काल सुनवाई करने से मंगलवार को इंकार कर दिया. इस सौदे में भगोड़ा गैंगस्टर दाऊद इब्राहिम और उसके गुर्गे भी शामिल हैं. पूर्व मंत्री नवाब मलिक (62) की जमानत अर्जी विशेष अदालत ने 30 नवंबर को खारिज कर दी थी, जिसके बाद उन्होंने मामले में उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था.
मामले की सुनवाई छह जनवरी तक स्थगित
न्यायमूर्ति एम एस कार्णिक की एकल पीठ ने तत्काल सुनवाई के मलिक के आग्रह को खारिज कर दिया और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को दो सप्ताह में इस अर्जी पर जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया. अदालत ने मामले की सुनवाई छह जनवरी तक स्थगित कर दी.
मंगलवार को सुनवाई के दौरान न्यायमूर्ति कार्णिक ने मलिक के अधिवक्ता अमित देसाई से कहा कि सबसे पहले वह यह बतायें कि मामले में तुरंत सुनवाई की क्यों आवश्यकता है . इसके बाद देसाई ने अदालत को एनसीपी के वरिष्ठ नेता के चिकित्सीय स्थिति के बारे में अवगत कराया.
केवल एक गुर्दा काम कर रहा है- वकील
अधिवक्ता ने कहा कि मलिक का केवल एक गुर्दा काम कर रहा है और उसके तुरंत प्रतिरोपण की आवश्यकता है. उन्होंने अदालत को बताया कि पूर्व मंत्री के परिजन प्रतिरोपण की प्रक्रिया की शुरू करना चाहते हैं, जिसके लिये जांच और विशेषज्ञों के साथ बैठक की आवश्यकता होगी.
उपचार से संबंधित सलाह के लिए कभी विरोध नहीं- अतिरिक्त सॉलिसीटर जनरल
न्यायाधीश ने इसके बाद देसाई से पूछा कि किस उपचार की जरूरत है, उससे संबंधित दस्तावेज अदालत में जमा करायें. अदालत ने कहा कि इसके बाद मामले में ईडी से जवाब मांगा जाएगा और उसी अनुसार आदेश सुनाया जायेगा. जांच एजेंसी की ओर से पेश हुये अतिरिक्त सॉलिसीटर जनरल अनिल सिंह ने कहा कि उपचार और इससे संबंधित सलाह के लिये वह कभी विरोध नहीं करेंगे.
अनिल सिंह ने कहा कि पहले गुण-दोष के आधार पर जमानत की अर्जी देना और फिर चिकित्सा आधार का हवाला देते हुये मामले में त्वरित सुनवाई की मांग करना आजकल एक चलन बन गया है. ईडी ने मलिक को इस साल फरवरी में गिरफ्तार किया था. वह अभी न्यायिक हिरासत में हैं और यहां के एक निजी अस्पताल में उनका उपचार चल रहा है.