Nawab Malik Bail: महाराष्ट्र सरकार में मंत्री और एनसीपी नेता नवाब मलिक की तत्काल रिहाई की याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है. बता दें कि दाऊद इब्राहिम से जुड़े मनी लांड्रिंग मामले में गिरफ्तार नवाब मलिक की याचिका को खारिज करते हुए जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस सूर्यकांत की पीठ ने कहा, इस चरण में दखल नहीं देंगे. वो जमानत के लिए अर्जी दाखिल कर सकते हैं. जांच के इस चरण में हम मामले में दखल देने के इच्छुक नहीं है. हम इस स्तर पर हस्तक्षेप नहीं कर रहे हैं. जबकि मंत्री नवाब मलिक की जेल हिरासत 6 मई तक के लिए बढ़ गई है.


न्याय व्यवस्था में यह सबसे बड़ा घोटाला है-संजय राउत
नवाब मलिक की तत्काल रिहाई याचिका खारिज होने के बाद शिवसेना के वरिष्ठ नेता और सांसद संजय राउत नागपुर में कहा कि "मैंने कहा था कि ये जो राहत घोटाला, दिलासा घोटाला कोर्ट में चल रहा है ये सब केवल एक ही विचारधारा के लोगों को मिल रहा है, दूसरों को नहीं मिलेगा. देश की न्याय व्यवस्था में यह सबसे बड़ा घोटाला है और इस बारे में इंडियन बार काउंसिल ने मेरे खिलाफ याचिका दायर की है, मैं इसका जवाब दूंगा." 






पीठ ने अपने आदेश में कहा कि हाईकोर्ट की टिप्पणियां केवल यहां तक सीमित हैं कि अंतरिम राहत दी जानी थी या नहीं. ये कानून में मौजूद उपचारों का सहारा लेने के रास्ते में नहीं आएगा. वहीं नवाब मलिक की ओर से वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि उन्हें 2022 में कैसे गिरफ्तार किया गया, जब मामला 1999 का है? स्पेशल कोर्ट 5000 पेज की चार्जशीट के चलते जमानत नहीं देगा. पहली नजर में मेरे खिलाफ कोई केस नहीं बनता है. ये PMLA केस नहीं बनता.


मलिक ने हाईकोर्ट में अपनी गिरफ्तारी को अवैध बताया था
गौरतलब है कि नवाब मलिक ने बॉम्बे हाईकोर्ट के द्वारा याचिका खारिज करने के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी, जिसे शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया. मलिक ने कोर्ट से तत्काल रिहाई की मांग की थी. नवाब मलिक ने हाईकोर्ट में याचिका दायर करके अपनी गिरफ्तारी को अवैध बताया था. उन्होंने अपने खिलाफ दर्ज प्रवर्तन निदेशालय की कार्यवाही रद्द करने और तत्काल रिहा किए जाने की मांग की थी. हाईकोर्ट ने 15 मार्च को अंतरिम राहत देने से इन्कार कर दिया था.


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