Maharashtra: एनसीपी नेता अजित पवार का दावा- 'महाराष्ट्र में हर रोज आठ किसान कर रहे आत्महत्या, सरकार असंवेदनशील'
Maharashtra Politics: पवार ने कहा कि सरकार की किसान विरोधी नीतियों के कारण किसानों का मनोबल गिर गया है. उन्होंने कहा- बैंकों से किसान को लोन नहीं मिल रहा है और वे साहूकारों के पास जाने को मजबूर हैं.
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Maharashtra Farmers Suicide: शुक्रवार को महाराष्ट्र विधानसभा में एक बार फिर से किसानों का मुद्दा गरमाया. विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष अजित पवार (Ajit Pawar) ने आरोप लगाया कि सरकार किसानों (Farmers) की समस्याओं के प्रति संवेदनशील नहीं है.
'रोज आठ किसान कर रहे सुसाइड'
विधानसभा में किसानों के मुद्दे पर बहस छेड़ते हुए उन्होंने दावा किया कि राज्य में हर रोज आठ किसान आत्महत्या कर रहे हैं. उन्होंने कहा, 'एकनाथ शिंदे-देवेंद्र फडणवीस सरकार किसानों की समस्याओं के प्रति असंवेदनशील है. सरकार की किसान विरोधी नीतियों के कारण किसानों का मनोबल गिर गया है.' एनसीपी नेता ने दावा किया कि राज्य में हर रोज आठ किसान आत्महत्या कर रहे हैं.
'किसानों का बिजली बिल हो माफ'
पवार ने कहा कि राज्य के किसान फसल की कम उपज, और बेमौसम बारिश के कारण फसल के नुकसान जैसी समस्याओं का सामना कर रहे हैं. बाजार में कम दाम के कारण कभी-कभी उन्हें अपनी फसल को फेंकने पर मजबूर होना पड़ता है. उन्होंने आरोप लगाया कि बिल न भर पाने के कारण ट्यूबवेलों के कनेक्शन काटे जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि कि चूंकि किसान महंगाई की मार झेल रहे हैं इसलिए उनके बिजली के बिल मांफ किये जाने चाहिए. एनसीपी नेता ने जोर देकर कहा कि यदि किसान दुखी रहेगा तो देश और महाराष्ट्र की अर्थव्यवस्था का विकास नहीं हो सकेगा.
'बैंक नहीं दे रहे किसानों को लोन'
पवार ने कहा कि इसके अलावा किसानों को कृषि ऋण लेने में भी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है, उन्होंने कहा कि राष्ट्रीयकृत बैंक उन्हें लोन नहीं दे रहे हैं इसलिए उन्हें साहूकारों के पास जाना पड़ता है. ऐसे में जब वे लोन नहीं चुका पाते हैं तो वे आत्महत्या करने को मजबूर हो जाते हैं. पवार ने दावा किया कि जब बेमौसम बारिश से किसानों को नुकसान होता है तो बीमा कंपनिया उन्हें फसल बीमा का भुगतान नहीं करती हैं. एनसीपी नेता ने कहा कि उर्वरक की बढ़ती कीमतों के कारण उत्पादन लागत में वृद्धि हुई है, उन्होंने कहा कि जब तक उर्वरक की कीमतों को नियंत्रण में नहीं लाया जाएगा, तब तक किसानों को कोई लाभ नहीं मिलेगा.
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