क्या अजित पवार ने अमित शाह से मांगी मुख्यमंत्री की कुर्सी? NCP चीफ ने खुद किया खुलासा
Maharashtra Election 2024: महाराष्ट्र में इस साल के अंत तक विधानसभा चुनाव होने हैं. महायुति में CM पद के उम्मीदवार और सीट बंटवारे को लेकर जारी खींचतान के बीच अजित पवार ने अमित शाह से मुलाकात की है.
Ajit Pawar met Amit Shah: महाराष्ट्र में आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर सियासी पारा हाई है. चुनाव की तारीखों के ऐलान से पहले महायुति में सीट बंटवारे पर चर्चा शुरू हो चुकी है. अजित पवार की एनसीपी, शिवसेना और बीजेपी में सीट बंटवारे को लेकर खींचतान जारी है. महायुति में हर कोई ज्यादा से ज्यादा सीटों की डिमांड कर रहा है. इस बीच सीएम पद का उम्मीदवार कौन होगा इसे लेकर भी चर्चा जारी है.
इस बीच अजित पवार ने गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात की और कई मुद्दों पर चर्चाएं की. इसके बाद आज डिप्टी सीएम पवार ने सीट बंटवारे और सीएम पद को लेकर बड़ा बयान दिया है.
महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने मंगलवार को उन अटकलों का खंडन किया कि केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात के दौरान उन्होंने खुद को आगामी विधानसभा चुनावों के बाद मुख्यमंत्री बनाने की मांग की. ऐसी चर्चाएं थीं कि बिहार के उदाहरण को देखते हुए पवार ने यह मांग की थी, लेकिन उन्होंने इस दावे को सिरे से खारिज कर दिया.
सीएम पद को लेकर क्या बोले अजित पवार?
पुणे में पत्रकारों से बातचीत के दौरान अजित पवार ने स्पष्ट किया, "यह बिल्कुल गलत है. अमित शाह मुंबई गणेश दर्शन के लिए आए थे और हमने मुख्यमंत्री पद को लेकर कोई चर्चा नहीं की. हमारी बातचीत में प्याज निर्यात, किसानों को भारी बारिश से हुए नुकसान और न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) जैसे मुद्दे शामिल थे."
पवार ने यह भी साफ किया कि वे बीजेपी और मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना के साथ चुनावों में "दोस्ताना लड़ाई" के विचार के पक्ष में नहीं हैं. उन्होंने कहा, "मुझे विश्वास है कि चुनावी मुकाबले में दोस्ताना लड़ाई नहीं होनी चाहिए. हम अभी भी सीट बंटवारे को लेकर चर्चा कर रहे हैं और जब यह प्रक्रिया पूरी हो जाएगी तो हम एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे और इसकी जानकारी देंगे."
पवार ने इस बात पर जोर दिया कि उनकी पार्टी (एनसीपी) के लिए अलग से चुनाव लड़ने का कोई प्रस्ताव नहीं है. उन्होंने कहा, "यह सब सिर्फ मीडिया में चल रही अफवाहें हैं." उन्होंने ये भी कहा, "हम कांग्रेस के साथ गठबंधन में भी कभी दोस्ताना लड़ाई नहीं करते थे. जब हम दोस्ताना मुकाबले की बात करते हैं, तो सवाल उठता है कि आखिरकार यह कहां होनी चाहिए. इसका असर अन्य सीटों पर भी हो सकता है.
पवार ने यह भी कहा कि उनकी प्राथमिकता फिलहाल सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं को प्रभावी रूप से लागू करने पर है. उन्होंने बताया कि, "हमारी सारी ऊर्जा इस समय जनकल्याणकारी योजनाओं को सफलतापूर्वक लागू करने पर केंद्रित है."
जब उनसे बीजेपी के प्रमुख अभियान 'मुख्यमंत्री लाड़ली बहन योजना' से उनकी तस्वीर हटाए जाने के बारे में सवाल किया गया तो पवार ने जवाब दिया, "मैंने खुद उनसे मेरी तस्वीर हटाने के लिए कहा था."
वहीं, जयंत पाटिल ने कहा, "अगर बीजेपी और शिवसेना दोस्ताना मुकाबला करते हैं, तो इससे हमारी पार्टी को काफी फायदा होगा क्योंकि बड़ी संख्या में लोग पहले से ही हमारी पार्टी में शामिल हो रहे हैं."
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