Barsu Refinery Protest: बारसू रिफाइनरी के विरोध पर एनसीपी प्रमुख शरद पवार का अब बड़ा बयान आया है. शरद पवार ने कहा, 'मैंने उदय सामंत (महाराष्ट्र के उद्योग मंत्री) से पूछा कि बारसू में प्रदर्शनकारियों पर बल प्रयोग किया गया या नहीं. उन्होंने मुझे बताया कि सरकार ने प्रदर्शनकारियों के खिलाफ बल प्रयोग नहीं किया. उन्होंने मुझे यह भी बताया कि सरकार वहां केवल मिट्टी परीक्षण कर रही है और भूमि सर्वेक्षण अभी तक शुरू नहीं हुआ है. मैंने उनसे कहा कि सरकार को जल्दबाजी नहीं करनी चाहिए और स्थानीय लोगों के साथ इस मुद्दे पर भी चर्चा करनी चाहिए.'


क्या बोले उदय सामंत?
पीटीआई में छपी खबर के अनुसार, महाराष्ट्र के उद्योग मंत्री और शिवसेना नेता उदय सामंत ने मंगलवार को कहा कि रत्नागिरि जिले में प्रस्तावित रिफाइनरी परियोजना के लिए बारसू गांव में भूमि का सुझाव तत्कालीन मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने दिया था और उन्होंने इस संबंध में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा था. सामंत का बयान अरबों डॉलर की इस रिफाइनरी परियोजना के भूमि सर्वेक्षण के विरूद्ध इस तटीय जिले में स्थानीय लोगों के विरोध प्रदर्शन के बीच आया है.


सामंत ने यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘ 12 जनवरी, 2022 को तत्कालीन मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर सुझाव दिया था कि राज्य सरकार रिफाइनरी के लिए 1,300 एकड़ जमीन तथा नाट्य (क्षेत्र ) में अन्य 2,144 एकड़ जमीन उपलब्ध करा सकती है . उन्होंने इस परियोजना के लिए बारसू (में स्थल) का सुझाव दिया था.’’


उन्होंने यह भी दावा किया कि ठाकरे के पत्र में यह भी कहा गया था कि इस जमीन के 90 प्रतिशत हिस्से पर कोई बसावट या पेड़-पौधे नहीं हैं, इसलिए किसी पेड़-पौधे या मकान को अन्यत्र ले जाने की जरूरत ही नहीं है. सामंत ने कहा, ‘‘ पत्र में यह भी दावा किया गया है कि इस परियोजना से पर्यावरण को काई नुकसान नहीं पहुंचेगा. परियोजना से राज्य की आर्थिक दशा मजबूत होगी और राज्य के जीडीपी में 8.5 फीसद की वृद्धि होगी. इससे पेट्रो रसायन उत्पादों पर आयात शुल्क भी घटेगा और परियोजना बारसू में स्थापित की जाए. ’’


जब प्रदर्शन के बारे में पूछा गया तो मंत्री ने कहा कि किसानों पर (जमीन के लिए) कोई दबाव नहीं डाला जाएगा. उन्होंने दावा किया कि रिफाइनरी के लिए जरूरी 5000 एकड़ जमीन में करीब 2900 एकड़ जमीन के मालिकों ने पहले ही अपनी सहमति दे दी है. उन्होंने कहा कि रिफाइनरी परियोजना का अब बस इसलिए विरोध किया जा रहा है क्योंकि एकनाथ शिंदे राज्य के मुख्यमंत्री हैं.


सामंत ने कहा, ‘‘ मैं नहीं जानता कि पत्र क्यों लिखा गया और किनसे चर्चा की गयी थी. ...’’ इससे पहले दिन में विपक्ष के नेता अजीत पवार ने मांग की थी कि रिफाइनरी परियोजना के विरूद्ध स्थानीय लोगों के प्रदर्शन से राज्य सरकार संवेदनशीलता के साथ निपटे तथा जबतक शांतिपूर्ण समाधान नहीं मिल जाता है, तब राज्य सरकार सर्वेक्षण रोक दे.


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