Women Reservation Bill: 'महिला आरक्षण बिल को लेकर विपक्ष पर पीएम मोदी का हमला पीड़ादायी', शरद पवार ने किया पलटवार
Sharad Pawar Statement: पीएम मोदी ने महिला आरक्षण बिल को लेकर विपक्ष पर हमला बोला था. इसपर अब एनसीपी के अध्यक्ष शरद पवार ने अपनी प्रतिक्रिया दी है. जानिए उन्होंने क्या कहा?
Sharad Pawar on PM Modi: राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के प्रमुख शरद पवार ने मंगलवार को कहा कि महिला आरक्षण विधेयक को लेकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा विपक्ष पर की गयी टिप्पणी पीड़ादायी है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस के शासनकाल के दौरान कई महिला केंद्रित निर्णय लिए गए थे. राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के संस्थापक ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए यह बात कही. उन्होंने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री और रक्षा मंत्री के रूप में अपने द्वारा लिए गए कई महिला-केंद्रित निर्णयों का भी उल्लेख किया.
क्या बोले एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार?
भारत-कनाडा के बीच तनाव के मुद्दे पर पवार ने कहा कि एक भारतीय नागरिक के रूप में वह भारत सरकार की नीति का पूरा समर्थन करेंगे. महिलाओं के लिए लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में एक तिहाई सीटें आरक्षित करने के लिए महिला आरक्षण विधेयक - नारी शक्ति वंदन अधिनियम - को पिछले सप्ताह संसद के दोनों सदनों से मंजूरी मिल गई है.
मध्य प्रदेश में चुनाव प्रचार अभियान की शुरुआत करते हुए मोदी ने सोमवार को कहा कि कांग्रेस और उसके नए ‘घमंडिया’ गठबंधन के सहयोगियों ने संसद में महिला आरक्षण विधेयक का अनिच्छा से समर्थन किया है. साथ ही मोदी ने लोगों को चेतावनी दी कि अगर मौका दिया गया तो वे (विपक्षी गठबंधन) ऐतिहासिक कानून से पीछे हट जाएंगे.
पीएम मोदी की टिप्पणी पर दी ये प्रतिक्रिया
शरद पवार ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री की टिप्पणी दुखदायी है. हमने (विपक्ष ने) पूरे दिल से विधेयक का समर्थन किया है.’’ उन्होंने कहा कि लोकसभा में दो सदस्यों को छोड़कर किसी अन्य ने महिला आरक्षण विधेयक का विरोध नहीं किया और कुछ राजनीतिक दलों ने सुझाव दिया था कि जब व्यापक स्तर पर कोई निर्णय लिया जाए तो उसमें अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) को भी शामिल किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि 24 जून 1994 को महाराष्ट्र में उनके नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार ने एक महिला नीति पेश की थी जो देश में इस तरह की पहली नीति थी और महाराष्ट्र देश का पहला ऐसा राज्य था जहां महिला आयोग और एक अलग महिला और बाल कल्याण विभाग का गठन किया गया था.
आरक्षण पर कही ये बात
एनसीपी संस्थापक ने कहा, ‘‘ इसी तरह, केंद्र की कांग्रेस सरकार 73वां संविधान संशोधन लेकर आई थी, जिससे स्थानीय निकायों में महिलाओं के लिए 33 फीसदी आरक्षण का रास्ता साफ हो गया.’’ शरद पवार ने कहा कि जब वह रक्षा मंत्री थे तो सेना के तीनों अंगों में महिलाओं को 11 प्रतिशत आरक्षण देने का फैसला किया गया था. उन्होंने कहा कि यह निर्णय तीनों सेनाओं के प्रमुखों की काफी हिचक के बाद लिया गया और उन्होंने सशस्त्र बलों में महिलाओं को 11 प्रतिशत आरक्षण के पक्ष में दृढ़ता से अपना पक्ष रखा था.
एनसीपी प्रमुख ने कहा, ‘‘ नौसेना, थल सेना और वायु सेना में महिलाओं की भागीदारी हो या उनका आरक्षण... यह सब तब किया गया जब कांग्रेस सत्ता में थी. दुर्भाग्य से, ऐसा प्रतीत होता है कि किसी ने भी प्रधानमंत्री को इसके बारे में जानकारी नहीं दी, इसीलिए उन्होंने ऐसी टिप्पणी की.’’ अहमदाबाद में उद्योगपति गौतम अडाणी के साथ उनकी मुलाकात को लेकर पूछे गए एक सवाल के जवाब में पवार ने कहा कि वह बारामती के एक व्यवसायी की औद्योगिक इकाई का उद्घाटन करने गए थे. उन्होंने कहा कि अडानी साणंद औद्योगिक एस्टेट में आयोजित समारोह के मुख्य अतिथि थे.