(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Sharad Pawar Resignation: क्या अपना इस्तीफा वापस लेंगे शरद पवार? संजय राउत ने ट्वीट कर दिए ये संकेत
Sharad Pawar News: एनसीपी नेता शरद पवार ने अपने फैसले से सबको चौंका दिया है. शरद पवार ने पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया है. इसपर अब संजय राउत ने प्रतिक्रिया दी है.
Sanjay Raut on Sharad Pawar: एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार ने आज 'लोक माझे सांगाती' पुस्तक के नए संस्करण के विमोचन समारोह के बाद एक बड़ी घोषणा की है. शरद पवार ने एनसीपी अध्यक्ष पद छोड़ने के अपने फैसले की घोषणा कर दी है. शरद पवार ने जैसे ही एनसीपी अध्यक्ष पद से रिटायर होने की घोषणा की, वहां मौजूद नेता और कार्यकर्ता भावुक हो गए. एनसीपी के सभी नेताओं और कार्यकर्ताओं ने पवार के फैसले का विरोध किया है और उनसे इस फैसले को वापस लेने का अनुरोध किया है. इसी तरह शरद पवार के करीबी माने जाने वाले शिवसेना (ठाकरे ग्रुप) के सांसद संजय राउत ने भी इस पर अपनी प्रतिक्रिया जाहिर की है.
क्या बोले संजय राउत?
शरद पवार के इस्तीफे की घोषणा के बाद से तरह-तरह की राजनीतिक प्रतिक्रियाएं आने लगी हैं. इसको लेकर शिवसेना (ठाकरे गुट) के सांसद संजय राउत ने ट्वीट किया है. इस ट्वीट में राउत ने कहा है कि एक समय था जब शिवसेना प्रमुख बालासाहेब ठाकरे ने भी राजनीति के चलते शिवसेना प्रमुख के पद से इस्तीफा दे दिया था. शरद पवार ने भी यही किया है. लेकिन जनाक्रोश के कारण बालासाहेब को अपना इस्तीफा वापस लेना पड़ा. शरद पवार देश की राजनीति और सामाजिक सरोकार की सांस हैं.
एक वेळ अशी आली..घाणेरडे आरोप..प्रत्यारोप..राजकारण याचा उबग येऊन शिवसेना प्रमुख बालासाहेब ठाकरे यांनी देखील शिवसेना प्रमुख पदाचा राजीनामा दिला होता.शरद पवार यांनी तेच केले आहे.
— Sanjay Raut (@rautsanjay61) May 2, 2023
जनतेच्या रेट्या मुळे बाळासाहेबांना राजीनामा मागे घ्यावा लागला.शरद पवार हे देशाच्या राजकारणाचे आणि… pic.twitter.com/YwVVgrrWiN
शरद पवार के अध्यक्ष बने रहने की संभावना?
पवार के इस्तीफे की घोषणा के बाद कार्यकर्ताओं के नारेबाजी और जिद के बाद शरद पवार ने इस पर नया रुख पेश किया है. "अध्यक्ष पद के संबंध में पार्टी के भीतर नियुक्त समिति द्वारा जो भी निर्णय लिया जाएगा, मैं उसे स्वीकार करूंगा", जिसके बाद प्रफुल्ल पटेल ने सभी की ओर से शरद पवार से निर्णय पर पुनर्विचार करने का अनुरोध भी किया. साथ ही पवार द्वारा सुझाई गई कमेटी के मौजूदा नेताओं ने भी इस फैसले का विरोध किया है.