Maharashtra News: पिछले कुछ दिनों में कई कार्यकर्ता और नेता ने एकनाथ शिंदे गुट का दामन थामा है. घरेलू पार्टियों से इस्तीफा देने के बाद बड़ी संख्या में कार्यकर्ता और पदाधिकारी शिंदे गुट में शामिल हो रहे हैं. इसको लेकर आज पत्रकारों ने जयंत पाटिल से सवाल किया. उन्होंने इस पर बेहद तीखी प्रतिक्रिया दी है. वे सोलापुर दौरे के दौरान पत्रकार वार्ता में बोल रहे थे.


जयंत पाटिल ने क्या कहा?
जयंत पाटिल ने कहा, “शिंदे समूह में गए कुछ लोग मुझसे अभी-अभी मिले थे. शिंदे अस्थायी रूप से समूह में गए हैं. शिंदे सत्ता में हैं, जब तक शिंदे मुख्यमंत्री हैं, लोग वहां जा रहे हैं क्योंकि उन्हें रियायतें मिल रही हैं. इसलिए हम वहां गए लोगों के लिए कुछ नहीं कहते. एक कार्यकर्ता ने कहा कि वह छह महीने के लिए जाता है, फंड लाता है और वापस आ जाता है. एक महत्वपूर्ण कार्यकर्ता ने ऐसी अनुमति मांगी. नगर निगम में फंड होना जरूरी है. मैंने कहा कि जाओ और आओ".


उन्होंने कहा, ''जब से एनसीपी (राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी) के कई पदाधिकारी बीजेपी में शामिल हुए हैं, तब से उनके सामने यह सवाल खड़ा हो गया है कि बीजेपी के वफादार साथियों को कहां बिठाया जाए.'' हालांकि यह बीजेपी का आंतरिक प्रश्न है, लेकिन यह कहना संभव नहीं है कि जो लोग कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस से बीजेपी में शामिल हुए हैं और अब शिंदे समूह के हैं, वे फिर से बीजेपी के सदस्य बनेंगे. इन सबके बोझ तले वफादार कार्यकर्ताओं को पीछे धकेल दिया गया है. उन्होंने कहा, "बीजेपी में बहुत बेचैनी है."


नामकरण का किया समर्थन
"अहिल्याबाई होल्कर के नाम पर अहमदनगर के नाम का समर्थन किया जाना चाहिए. हम इसका विरोध करना उचित नहीं समझते. बता दें, महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे और देवेंद्र फडणवीस की सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए अहमदनगर का नाम बदलकर अहिल्याबाई होल्कर रखा है. 


ये भी पढ़ें: Maharashtra: उद्धव ठाकरे विदेश में, इधर CM एकनाथ शिंदे से मिले NCP प्रमुख शरद पवार, इस कार्यक्रम का दिया न्यौता