Maharashtra News: महाराष्ट्र विधानसभा में मानसून सत्र अपनी समाप्ति पर है. यह सत्र का आखिरी सप्ताह है. सत्र के अंतिम सप्ताह में आखिरकार सदन को विपक्ष को विजय वडेट्टीवार (Vijay Wadettiwar) के रूप में विपक्ष का नेता मिल गया. विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने विपक्ष के नेता के रूप में विजय वडेट्टीवार के नाम की घोषणा की, जिसके बाद सदन की ओर से वडेट्टीवार को बधाई दी गई.
डिप्टी सीएम अजीत पवार (Ajit Pawar) ने खुद वडेट्टीवार को विपक्ष का नेता नियुक्त किया. इसके बाद सीएम एकनाथ शिंदे, डिप्टी सीएम देवेंद्र फड़णवीस (Devendra Fadnavis), अजित पवार और जयंत पाटिल ने वडेट्टीवार को बधाई दी. इस मौके पर जयंत पाटिल (Jayant Patil) ने कहा कि विपक्षी दल और सत्ता पक्ष के बीच रिश्ते हमेशा मधुर रहने चाहिए. यह बात कहते हुए उन्होंने उस वक्त का एक किस्सा सुनाया जब वह वित्त मंत्री थे और नारायण राणे विपक्ष के नेता थे.
पाटिल ने बजट पेश करने का सुनाया किस्सा
जयंत पाटिल ने बताया कि उस वक्त उन्होंने नारायण राणे का कोट पहनकर बजट पेश किया है. जयंत पाटिल ने कहा, ''विपक्षी दल और सत्तापक्ष के बीच संबंध हमेशा मधुर रहने चाहिए. सत्ता पक्ष को विपक्षी दल के साथ अच्छा व्यवहार करना चाहिए, स्नेह से रहना चाहिए और ध्यान रखना चाहिए कि उन्हें कोई परेशानी न हो. लेकिन विपक्षी दल को कैसे रहना चाहिए. वह सत्तारूढ़ दल का ख्याल रखें. इसका एक उदाहरण.''
नारायण राणे ने पूछा, पहनना क्या है?
पाटिल ने कहा, ''मैं एक बार बजट पेश करने जा रहा था, चार बजे क्रिकेट मैच था, अरुण गुजराती वक्ता थे, मैंने उनसे अनुरोध किया कि मुझे कल जल्दी यानी एक या दो बजे बजट पेश करने की इजाजत दी जाए, क्योंकि अगर मैच चार बजे शुरू होता है, बजट पर कौन नजर नहीं रखेगा. उन्होंने कहा कि विपक्षी नेताओं से बात की जानी चाहिए. उन्होंने राणेसाहब को फोन दिया, उन्होंने कहा कि जयंत समय का तो हो गया, अब आप मुझे बताएं कि कौन से कपड़े पहनने हैं.''
नारायण राणे ने जयंत पाटिल के लिए किया टेलर का इंतजाम
जयंत पाटिल आगे बताते हैं, ''मैंने कहा कि शर्ट और पैंट. उस वक्त मेरा वजन कम हो गया था. कहा कि नहीं, नहीं, महाराष्ट्र के वित्त मंत्री को सूट-बूट में आना चाहिए. मैंने कहा कि सर साइज ठीक नहीं है. उन्होंने कहा ठीक है. दूसरे दिन मैं अपने कमरे में आया तो वहां पहले से टेलर मौजूद था. मैंने उससे कहा कि शरीर नहीं छूना है. मैं कोई माप नहीं दूंगा. उन्होंने कहा कि सर ने हमें बताया था. मजबूरन कदम उठाते हुए अगले दिन मैंने नारायण राणे साहब का कोट पहना और बजट पेश किया. कहने की बात यह है कि सदन में और सदन के बाहर विपक्षी दल और सत्ता पक्ष के बीच संबंध बहुत मधुर और सौहार्दपूर्ण होने चाहिए.''
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