Jitendra Awhad on Eknath Shinde: वरिष्ठ नाटककार पद्मश्री अप्पासाहेब धर्माधिकारी को महाराष्ट्र भूषण पुरस्कार से सम्मानित किया गया. यह कार्यक्रम रविवार यानी 16 अप्रैल को आयोजित किया गया था. समारोह नवी मुंबई के खारघर में आयोजित किया गया था. चिलचिलाती दोपहर की धूप में 42 डिग्री सेल्सियस से अधिक के तापमान में सुदंबा समारोह देखने आए. इस समारोह के दौरान लू से 13 लोगों की मौत हो गई. इसके बाद एनसीपी विधायक जितेंद्र आव्हाड ने सरकार की आलोचना की.
जितेंद्र आव्हाड ने क्या कहा है?
जितेंद्र आव्हाड ने कहा, उन्हें तय करना चाहिए कि इन पीड़ितों की जिम्मेदारी किसे लेनी चाहिए. सीएम शिंदे पर निशाना साधते हुए आव्हाड ने कहा, आप भीड़ दिखाना चाहते थे. आव्हाड ने यह भी कहा है कि मैं तो यही कहूंगा कि यह कार्यक्रम धर्मगुरुओं और संतों के चेहरे का इस्तेमाल कर हमारे राजनीतिक गणित को जोड़ने के लिए था.
आयोजकों पर साधा निशाना
आयोजकों को यह कैसे समझ में नहीं आया कि यह आयोजन तब नहीं होना था जब दोपहर का सूरज था. यह बहुत आसान गणित है. जब तापमान 40 से ऊपर हो जाता है तो सरकार खुद कहती है कि अगर काम नहीं है तो घर से बाहर न निकलें. जब बाहर इतनी गर्मी है और कुछ टीवी रिपोर्ट्स भी सामने आ चुकी हैं तो प्रोग्राम करने की हिम्मत क्यों? इसे उसी समय रद्द कर राजभवन में ले जाया जा सकता था.
इससे आपको क्या फर्क पड़ता है?
इससे आपको क्या फर्क पड़ा? आप एसी कार से आए. आप जहां बैठे वहां एसी था, छत भी एसी थी. आप गर्मी से पीड़ित नहीं थे. लेकिन देखिए लोगों को कितना नुकसान हुआ. धर्माधिकारी मानवता के स्रोत हैं. आव्हाड ने यह भी कहा है कि दुर्भाग्य की बात है कि सरकारी कार्यक्रम में कहीं भी इंसानियत नहीं दिखी.
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