Maharashtra MLAs Disqualification: महाराष्ट्र के स्पीकर राहुल नार्वेकर ने गुरुवार (15 फरवरी) अजित पवार गुट को असली एनसीपी करार दिया. चुनाव आयोग के बाद महाराष्ट्र के स्पीकर ने भी माना कि असली एनसीपी अजित पवार के ही पास है. शरद पवार गुट को चुनाव आयोग के बाद ये दूसरा झटका लगा. हालांकि, चुनाव आयोग के फैसले के खिलाफ शरद पवार का गुट सुप्रीम कोर्ट पहुंच चुका है. स्पीकर राहुल नार्वेकर के फैसले से ये भी साफ हो गया कि दोनों गुट में किसके पास कितने विधायकों का समर्थन है.
विधानसभा स्पीकर ने अपने फैसले में कहा कि जब अजित पवार गुट ने शिवसेना और बीजेपी की सरकार में शामिल होने का फैसला किया तब उनके पास 41 विधायकों का समर्थन है. उस समय एनसीपी के पास 53 विधायक थे. इसका मतलब ये हुआ कि शरद पवार गुट के पास सिर्फ 12 विधायकों का समर्थन है. अपने फैसले में स्पीकर ने विधायकों की संख्या का हवाला दिया और अजित पवार गुट को असली एनसीपी करार दिया.
स्पीकर राहुल नार्वेकर ने फैसले में कहा कि पार्टी संस्थापक शरद पवार के फैसलों पर सवाल उठाना या उनकी इच्छा की अवहेलना करना दल-बदल नहीं है बल्कि यह केवल एक आंतरिक असहमति है. उन्होंने कहा कि दल-बदल रोधी प्रावधानों से संबद्ध संविधान की 10वीं अनुसूची का इस मामले में दुरूपयोग किया गया. पार्टी नेतृत्व बड़ी संख्या में सदस्यों को अयोग्य करार दिये जाने की धमकी देकर उनकी असहमति की आवाज दबाने के लिए 10वीं अनुसूची का इस्तेमाल नहीं कर सकता. फैसले में कहा गया है कि एनसीपी में (जुलाई 2023 में) हुआ घटनाक्रम स्पष्ट रूप से पार्टी की अंदरूनी असहमति थी. विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि पार्टी में टूट होने के समय अजित पवार खेमे में ज्यादातर विधायक थे. उन्होंने कहा कि अजित पवार खेमे के फैसले ने एनसीपी की इच्छा को प्रदर्शित किया.
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बता दें कि बता दें कि 2 जुलाई 2023 को अजित पवार अपने समर्थक विधायकों के साथ एनडीए की सरकार में शामिल हो गए थे. इस तरह से शरद पवार की बनाई एनसीपी में दो फाड़ हो गया. अजित पवार ने एनडीए में शामिल होने के बाद पार्टी पर भी दावा ठोंक दिया. मामला चुनाव आयोग के दरवाजे पर पहुंचा, वहां भी अजित पवार गुट ने बाजी मार ली.