NCP Party Crisis: चुनाव आयोग ने एनसीपी महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम अजित पवार को सौंप दी है. इस फैसले के बाद अजित पवार ने मुंबई में मीडिया को संबोधित किया. उन्होंने कहा कि जो फैसला आया है, हम उससे बहुत खुश हैं. चुनाव आयोग के फैसले का स्वागत करते हैं. उन्होंने कहा कि हम जानते हैं कि राज्य में कई राजनैतिक घटनाएं हुईं. हक मांगने का एक तरीका होता है. हम भी चुनाव आयोग के पास गए, वे (शरद पवार गुट) भी गए. राजनीती में संख्या बल का महत्व होता है. हमारे साथ कई नेता थे.
शरद पवार गुट की सांसद सुप्रिया सुले के बयान पर अजित पवार ने कहा कि किसी को क्या कहना है, इस पर मैं ज्यादा नहीं बोलूंगा. हमे महाराष्ट्र में डेवलपमेंट की तरफ़ काम कराना है. उन्होंने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष के पास भी एक सुनवाई चल रही है, वे कब फ़ैसला देंगे नहीं पता लेकिन जल्द देंगे ऐसी उम्मीद है.
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डिप्टी सीएम ने कहा कि न्याय व्यवस्था के फैसले पर बोलना हमारा हक नहीं है. अगर फ़ैसला पसंद ना आए तो आप ऊपर (ऊपरी अदालत या संस्था में) जाकर अपील दे सकते है. जब उनसे पूछा गया कि क्या शरद पवार फिर से पार्टी का निर्माण करेंगे, इस पर उन्होंने कहा कि उन्होंने जो बोला उनका हक है, इसपर नो कमेंट्स. शरद पवार गुट सुप्रीम कोर्ट जाएगा, इस पर अजित पवार ने कहा कि न्याय मांगने का हक सबको है. जब वे जाएंगे, हम भी अपने वकील के साथ वहां जवाब देंगे.
निर्वाचन आयोग ने अजित पवार के नेतृत्व वाले गुट को एनसीपी का चुनाव चिह्न 'दीवार घड़ी' भी आवंटित किया. वहीं, सुप्रिया सुले ने कहा कि पार्टी कार्यकर्ता शरद पवार के साथ हैं और पवार फिर से पार्टी का निर्माण करेंगे. शरद पवार गुट के एक और नेता जयंत पाटिल ने कहा कि पार्टी उच्चतम न्यायालय का रुख करेगी. निर्वाचन आयोग के मंगलवार के फैसले से अजित पवार और पार्टी के संस्थापक एवं उनके चाचा शरद पवार के बीच कई महीनों से जारी लड़ाई खत्म हो गई.
चुनाव आयोग ने कहा कि निर्णय में ऐसी याचिका की पोषणीयता के निर्धारित पहलुओं का पालन किया गया, जिसमें पार्टी संविधान के उद्देश्यों का परीक्षण, पार्टी संविधान का परीक्षण और संगठनात्मक तथा विधायी दोनों में बहुमत के परीक्षण शामिल थे. आयोग ने आगामी राज्यसभा चुनाव के मद्देनजर विशेष छूट देते हुए शरद पवार के नेतृत्व वाले गुट को अपने राजनीतिक दल के लिए एक नाम का दावा करने और तीन प्राथमिकताएं प्रदान करने के लिए बुधवार दोपहर तक का समय दिया. अजित पवार पिछले साल जुलाई में एनसीपी के अधिकांश विधायकों के साथ महाराष्ट्र सरकार में शामिल हो गए थे और मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली भाजपा-शिवसेना सरकार का समर्थन किया था.