Maharashtra NCP Political Crisis: अजित पवार (Ajit Pawar) के महाराष्ट्र सरकार में शामिल होने के बाद लड़ाई केवल एनसीपी (NCP) के भीतर ही नहीं चल रही है बल्कि अब यह सवाल भी उठने लगे हैं कि कहीं एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) को तो सीएम पद से नहीं हटा दिया जाएगा. दरअसल, राजनीतिक पर्यवेक्षक मानते हैं कि अजित पवार के डिप्टी सीएम बनने से यह राय बनने लगी है कि सीएम एकनाथ शिंदे लोकसभा चुनाव में बेहतर परिणाम दिला पाएंगे, इसमें बीजेपी को संदेह है. वहीं, बीजेपी ने एकनाथ शिंदे से सीएम पद से हटाए जाने की बातों को अटकलबाजी करार दिया है.


वरिष्ठ पत्रकार और राजनीतिक विश्लेषक प्रकाश अकोलकर कहते हैं कि महाराष्ट्र में ताजा घटनाक्रम यह जता रहे हैं कि शिंदे साइडलाइन किए जा रहे हैं क्योंकि देवेंद्र फडणवीस और अजित पवार दोनों ही उनसे मुखर, आक्रामक और बेहतर प्रशासक हैं. बीजेपी महाराष्ट्र की 48 में से 45 से ज्यादा सीटें जीतना चाहती है और उन्हें लगता है कि शिंदे इच्छित परिणाम नहीं ला सकते. बीजेपी ने पिछले जून में मराठा कार्ड खेलते हुए शिंदे को सीएम बनाया. अब, उनके पास अजित पवार के रूप में ज्यादा बेहतर मराठा नेता हैं.


शिंदे को लेकर संजय राउत कर चुके हैं यह दावा
उधर, कांग्रेस और शिवसेना (यूबीटी) का कहना है कि महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष को सीएम शिंदे समेत 16 विधायकों के खिलाफ निष्कासन को लेकर 11 अगस्त को फैसला करना है. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पृथ्वीराज चव्हाण का कहना है कि अगर अध्यक्ष शिंदे के पक्ष में फैसला सुनाते हैं, तो महा विकास अघाड़ी सुप्रीम कोर्ट का रुख करेगी. शिवसेना (यूबीटी) नेता संजय राउत भी यह दावा कर चुके हैं कि शिंदे सीएम पद पर लंबे समय तक नहीं रहेंगे. हालांकि बीजेपी के वरिष्ठ नेता माधव भंडारी ने कहा कि यह केवल अटकलें हैं. सबसे पहली बात तो यह है कि अध्यक्ष के पास लंबित निष्कासन याचिका हमारे खिलाफ नहीं जाएंगी. अगर ऐसा होता भी है तो उनके निष्कासन से सरकार पर कोई असर नहीं पड़ेगा क्योंकि विधानसभा में हमारे पास पर्याप्त संख्या है. 


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