'भले ही कुछ जेबकतरों ने घड़ी चुरा ली लेकिन...', अजित पवार गुट पर जितेंद्र आव्हाड का तंज
NCP Sharad Chandra Pawar: महाराष्ट्र में एनसीपी के दो गुटों के बीच असली पार्टी को लेकर छिड़ी जंग में बुधवार को फैसला हो गया. चुनाव आयोग ने अजित पवार गुट के पक्ष में फैसला दिया.
Maharashtra News: चुनाव आयोग (Election Commission) ने अजित पवार (Ajit Pawar) के गुट को असली एनसीपी बताया और अब शरद पवार (Sharad Pawar) के गुट की पार्टी को नया नाम भी मिल गया है. उनके गुट की पार्टी का नाम राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी-शरद चंद्र पवार रखा गया है. इस गुट के नेता जितेंद्र आव्हाड (Jitendra Awhad) का बयान आया है और उन्होंने अजित पवार गुट की तरफ हमला करते हुए कहा कि ''भले ही कुछ जेबकतरों ने घड़ी चुरा ली लेकिन कलाई तो हमारे ही पास रही.'' जितेंद्र आव्हाड ने कहा कि चुनाव आय़ोग ने दिखा दिया कि एनसीपी शरद पवार की ही है.
जितेंद्र आव्हाड ने 'एक्स' पर लिखा, ''हमारे पास कलाई है. केवल घड़ी चोरी हुई है.'' दरअसल, चुना आयोग ने अजित पवार के गुट को घड़ी चुनाव चिह्न भी दे दिया है. आव्हाड ने आगे लिखा, '' आख़िर सच आ ही गया! चुनाव आयोग ने भी दिखा दिया है कि एनसीपी शरद पवार की है. इसलिए हमें नाम मिला, "राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी - शरद पवार". यही पार्टी का असली जन्म था. लेकिन, कुछ जेबकतरों ने घड़ी चुरा ली. लेकिन, कलाई हमारे पास ही रही. लड़ाई में कलाई हमेशा काम आती है. शरद पवार एक बार फिर महाराष्ट्र में हमारी कलाई और ताकत पर जादू करेंगे. अब उन्हें (अजित पवार गुट) "एनसीपी - अलीबाबा और चालीस चोर" कहा जाना चाहिए.''
अखेर सत्य सामोरे आलेच ! निवडणूक आयोगानेही नाव देतानाही कळत- न कळत हे दाखवून दिले की, एनसीपी ही शरद पवार साहेबांचीच आहे. म्हणून आम्हाला नाव मिळालं, "राष्ट्रवादी काँग्रेस पक्ष- शरद पवार" . हेच खरे जन्मदाते होते पक्षाचे. पण, काही पाकिटमारांनी घड्याळ चोरले. पण, त्यांच्या दुर्देवाने…
— Dr.Jitendra Awhad (@Awhadspeaks) February 7, 2024
शरद पवार गुट ने 'बरगद का पेड़' चुनाव चिह्न के लिए मांगा
शरद पवार गुट ने तीन नाम चुनाव आयोग को दिए थे जिनमें से एक पर मुहर लगाई गई. जबकि शरद पवार गुट ने अपने लिए चुनाव चिह्न ‘बरगद का पेड़’ भी मांगा था. शरद पवार की पार्टी के नाम को लेकर आयोग का आदेश अजित पवार के नेतृत्व वाले गुट को राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी का नाम और ‘घड़ी’ चुनाव चिह्न देने के एक दिन बाद आया है. अजित पवार पिछले साल जुलाई में एनसीपी के अधिकतर विधायकों के साथ अलग हो गए थे और उन्होंने महाराष्ट्र में सीएम एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली बीजेपी-शिवसेना सरकार का समर्थन किया था.
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