Maharashtra Assembly Election 2024: राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) के अध्यक्ष शरद पवार ने रविवार को कहा कि विपक्ष महाराष्ट्र में अगले दो महीनों में ‘महायुति’ सरकार को सत्ता से हटाने और छत्रपति शिवाजी के आदेर्शों पर नई सरकार बनने तक शांत नहीं बैठेगा. मुंबई के घाटकोपर में पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए शरद पवार ने 26 अगस्त को सिंधुदुर्ग जिले में मराठा साम्राज्य के संस्थापक छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा के गिरने की घटना को लेकर राज्य सरकार की आलोचना की. उन्होंने कहा कि राज्य में सत्ता में बैठे लोगों की शिवाजी महाराज में कोई आस्था नहीं है.
सत्तारूढ़ महायुति में भारतीय जनता पार्टी, एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना और अजित पवार के नेतृत्व वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी शामिल हैं. शरद पवार ने कहा, "मैं आपको (पार्टी कार्यकर्ताओं को) आश्वासन देता हूं कि यदि आप अपनी एकता दिखाते हैं, तो हम तब तक चुप नहीं बैठेंगे, जब तक कि अगले दो महीनों में महाराष्ट्र में सरकार नहीं बदल जाती और शिवाजी महाराज के आदर्शों पर लोगों के हितों की रक्षा करने वाली एक नई सरकार नहीं बन जाती."
शिवाजी की मूर्ति गिरने को लेकर क्या बोले शरद पवार
मालवण तहसील के राजकोट किले में स्थापित शिवाजी महाराज की प्रतिमा गिरने को लेकर राज्य में विवाद हो गया है. विपक्ष ने भारतीय जनता पार्टी (BJP) नीत महायुति पर भ्रष्टाचार और शिवाजी के अपमान का आरोप लगाया है. मालवण की घटना को लेकर मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और राज्य के अन्य नेताओं के अलावा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी माफी मांगी है. शरद पवार ने कहा, "लेकिन मूर्ति कैसे गिर सकती है? इसका मतलब है कि मूर्ति की गुणवत्ता खराब थी. शिवाजी का इस सरकार में जिस तरह अपमान हुआ, वैसा पहले कभी नहीं हुआ. उन्होंने सवाल किया कि सरकार कहती है कि नई प्रतिमा बनाई जाएगी, लेकिन जो नुकसान हुआ है उसका क्या होगा."
‘प्रतिमा के निर्माण के दौरान गलत और भ्रष्ट निर्णय लिए गए’
शरद पवार ने आरोप लगाया कि प्रतिमा के निर्माण के दौरान गलत और भ्रष्ट निर्णय लिए गए. इससे पहले दिन में, शरद पवार, शिवाजी की प्रतिमा गिरने की घटना को लेकर विपक्षी महा विकास आघाडी (एमवीए) की ओर से दक्षिण मुंबई में हुतात्मा चौक से गेटवे ऑफ इंडिया तक निकाले गए विरोध मार्च में शामिल हुए थे. महाराष्ट्र की 288 सदस्यीय विधानसभा के लिए चुनाव संभवतः अक्टूबर या नवंबर में होंगे. नौकरशाही में शीर्ष पदों पर सीधी भर्ती (लेटरल एंट्री योजना) को लेकर केंद्र पर निशाना साधते हुए पवार ने कहा कि सत्ता में रहने वाला व्यक्ति लोगों के हितों की रक्षा नहीं करेगा.
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