GST काउंसिल की बैठक से महाराष्ट्र के वित्त मंत्री अजित पवार नदारद, शरद पवार गुट ने उठाए ये सवाल
Maharashtra Politics: देश की राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में जीएसटी काउंसिल की बैठक शुरू हो गई है. इसमें महाराष्ट्र के वित्त मंत्री नहीं पहुंचे हैं.
GST Council Meeting in Delhi: दिल्ली में जीएसटी काउंसिल की बैठक आयोजित की गई है, जिसमें महाराष्ट्र के वित्त मंत्री अजित पवार (Ajit Pawar) के शामिल ना होने पर शरद पवार (Sharad Pawar) गुट ने सवाल उठाया है. शरद पवार की पार्टी एनसीपी-एसपी ने कहा कि इस बैठक में वित्त मंत्री के अलावा किसी और को बोलने का अधिकार नहीं है. एनसीपी-एसपी ने कहा कि इससे जनता में क्या संदेश जाएगा.
एनसीपी-एसपी के आधिकारिक 'एक्स' हैंडल पर जीएसटी काउंसिल की बैठक को लेकर सवाल उठाए गए हैं. इसमें लिखा गया है, ''वस्तु एवं सेवा कर परिषद यानी जीएसटी काउंसिल की बैठक हर राज्य के विकास पथ के लिए महत्वपूर्ण बैठक है. देश का ज्यादातर जीएसटी महाराष्ट्र से केंद्र को जाता है.'' बता दें कि जीएसटी काउंसिल की 54वीं बैठक शुरू हो गई है. इसमें कई अहम मुद्दों पर चर्चा होने की संभावना है. इसमें हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम पर लगने वाले जीएसटी दर पर सबकी नजर है. माना जा रहा है कि इसको लेकर कोई फैसला हो सकता है.
वस्तू व सेवा कर परिषद अर्थात जीएसटी काऊंसिल बैठक ही प्रत्येक राज्याच्या विकासात्मक मार्गावरील महत्त्वाची अशी बैठक आहे. देशाचा सर्वाधिक जीएसटी हा महाराष्ट्रातून केंद्राला जातो. सद्यस्थितीत राज्यातील विविध प्रश्नांच्या सोडवणूकीसाठी आणि मुख्यत्वे राज्य सरकार ज्या नवनवीन योजना जाहीर… pic.twitter.com/OE59wgtY6G
— Nationalist Congress Party - Sharadchandra Pawar (@NCPspeaks) September 9, 2024
वित्त मंत्री का ना जाना कितना उचित- एनसीपी-एसपी
उधर, एनसीपी-एसपी की ओर से जारी बयान में आगे कहा गया है, ''वर्तमान में राज्य में विभिन्न समस्याओं के समाधान और मुख्य रूप से राज्य सरकार द्वारा घोषित नई योजनाओं के लिए धन की कमी है. इन मुद्दों को सुलझाने और राज्य का वाजिब जीएसटी रिफंड दिलाने के लिए वित्त मंत्री का इस बैठक में शामिल न होना कितना उचित है?''
शरद पवार गुट ने कहा, ''इस परिषद में वित्त मंत्री के अलावा किसी को भी बोलने का अधिकार नहीं है. सचिव या अन्य मंत्री केवल बैठक में भाग लेने के लिए उपस्थित हो सकते हैं. इसके बावजूद राज्य के वित्त मंत्री की जगह बाल विकास विभाग के मंत्री बैठक में शामिल होते हैं. साथ ही, वास्तव में वित्त मंत्री के इस बैठक में शामिल न होने या अनुपस्थित रहने से लोग क्या समझेंगे?
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