Ajit Pawar on Assembly Election 2024: अजित पवार की नेतृत्व वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए पूरी तैयारी में जुटी है. पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने संकेत दिया है कि NCP आगामी चुनावों में 60 से अधिक सीटों पर अपने उम्मीदवार खड़े कर सकती है. इस संदर्भ में, पार्टी ने घोषणा की है कि सभी विधानसभा क्षेत्रों में सर्वेक्षण कराया जाएगा ताकि सही उम्मीदवारों को मौका दिया जा सके.


अजित पवार की पार्टी कराएगी सर्वे
NCP के राष्ट्रीय अध्यक्ष अजित पवार ने एक प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि आने वाले दिनों में सभी लोग सर्वेक्षण करेंगे और देखेंगे कि उनके उम्मीदवार अधिक से अधिक सीटों पर कैसे विजयी हो सकते हैं. प्रफुल्ल पटेल ने भी पुष्टि की कि हम राज्य की सभी 288 सीटों का सर्वे कराएंगे.


विधानसभा चुनाव में किसे मिलेगा मौका?
राज्य में फिलहाल NDA की सरकार है. एनसीपी, शिवसेना, और बीजेपी समेत छोटे घटक दलों के बीच सीटों का बंटवारा जल्द ही हो जाएगा. इसके पहले, एनसीपी ने सभी 288 सीटों पर सर्वे कराने का फैसला किया है. सर्वे में यह सुनिश्चित किया जाएगा कि गठबंधन में जिसकी रिपोर्ट सबसे बेहतर होगी उसे मौका दिया जाएगा.


लोकसभा चुनाव में शिवसेना के लिए नकारात्मक सर्वे नतीजे आने के बाद एकनाथ शिंदे गुट के कई नेताओं का टिकट काट दिया गया था. पार्टी के वरिष्ठ सांसद हेमंत पाटिल और भावना गवली को भी टिकट नहीं मिलने के कारण कार्यकर्ताओं में नाराजगी देखी गई. इसी को ध्यान में रखते हुए, एनसीपी ने आगामी विधानसभा चुनावों के लिए एक व्यापक सर्वेक्षण कराने का फैसला किया है ताकि पार्टी को नुकसान से बचाया जा सके.


क्या बोले अजित पवार?
अजित पवार ने कहा कि अगर हमें अहमदनगर या माढ़ा लोकसभा क्षेत्र की सीट मिलती तो मौजूदा स्थिति अलग होती. माढ़ा लोकसभा क्षेत्र के लिए हमने संजीवराजे नाइक निंबालकर का नाम लगभग तय कर लिया था.


आने वाले समय में इंदापुर, कागल, कोपरगांव, और पंढरपुर जैसे कई निर्वाचन क्षेत्रों में विवाद होने की संभावना है. हालांकि, इन क्षेत्रों में एनसीपी पहले स्थान पर है, लेकिन बीजेपी भी काफी मजबूत है. अजित पवार ने कहा कि इन मुद्दों को मध्यस्थता के माध्यम से सुलझाया जाएगा.


नवाब मलिक पर हो गया फैसला
नवाब मलिक को लेकर, एनसीपी के वरिष्ठ नेताओं ने स्पष्ट किया है कि नवाब मलिक पार्टी के साथ हैं और आगामी विधानसभा चुनावों में उन्हें जरूर ध्यान में रखा जाएगा. इसके चलते, नवाब मलिक के मुद्दे पर महायुति में टकराव की संभावनाएं भी बनी हुई हैं.


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