Maharashtra NCPCR: चाइल्ड पोर्नोग्राफी का मामला, महाराष्ट्र साइबर सेल ने यूट्यूब चैनल और अन्य के खिलाफ दर्ज किया केस
Maharashtra Cyber Cell: महाराष्ट्र में चाइल्ड पोर्नोग्राफी के मामले में एक यूट्यूब चैनल और अन्य के खिलाफ केस दर्ज किया गया है. NCPCR ने इस बारे में जानकारी दी है.
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NCPCR: महाराष्ट्र साइबर सेल ने चाइल्ड पोर्नोग्राफी के मामले में एक यूट्यूब चैनल और अन्य के खिलाफ FIR दर्ज की है. राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (NCPCR) ने महाराष्ट्र साइबर को उस यूट्यूब चैनल के बारे में सूचित किया था जिसमें बाल अश्लीलता पर सामग्री है. IPC की धारा 509 (किसी महिला की गरिमा का अपमान करने के इरादे से शब्द, इशारा या कृत्य), आईटी अधिनियम और POCSO की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है. अभी तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई. अब चाइल्ड पोर्नोग्राफी को लेकर महाराष्ट्र की पुलिस क्या एक्शन लेगी इसपर सबकी नजर टिकी हुई है.
Maharashtra Cyber Cell lodges FIR against a YouTube channel and others in connection with child pornography. National Commission for Protection of Child Rights (NCPCR) had informed the Maharashtra Cyber about the YouTube channel that has content on child pornography. Case has…
— ANI (@ANI) January 12, 2024
क्या होता है चाइल्ड पोर्नोग्राफी?
चाइल्ड पोर्नोग्राफी एक अपराध है जिसमें बच्चों को ऑनलाइन संबंधों के लिए फुसलाना, फिर उनके साथ शारीरिक संबंध बनाना या बच्चों से जुड़ी यौन गतिविधियों को रिकॉर्ड करना, एमएमएस बनाना और उन्हें दूसरों को भेजना आदि शामिल है. बाल पोर्नोग्राफी नाबालिगों को निशाना बनाती है. ऐसे मामलों में दोषी पाए जाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाती है.
क्या कहता है कानून?
भारत में चाइल्ड पोर्नोग्राफी को अपराध माना जाता है. देश में सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम 2000, भारतीय दंड संहिता और यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण अधिनियम 2012 में पोर्नोग्राफी से संबंधित कई प्रावधान हैं. हमारे देश में अकेले पोर्न देखना कोई अपराध नहीं है. लेकिन वायरल करना अपराध है. इस मामले में दोषी ठहराए गए लोगों को सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा 6, 67 (ए), 67 (बी) के तहत कारावास और जुर्माना हो सकता है.
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