Demand For FIR Against Aaditya Thackeray: राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (NCPCR) ने सोमवार को मुंबई के पुलिस आयुक्त विवेक फनसालकर को एक पत्र लिखकर उन आरोपों की जांच करने का अनुरोध किया जिसमें शिवसेना विधायक आदित्य ठाकरे (Aaditya Thackeray) ने 'आरे बचाओ' विरोध आंदोलन के लिए बच्चों का इस्तेमाल किया. आयोग ने ऐसा इसलिए किया क्योंकि यह बाल श्रम के समान था. एनसीपीसीआर ने शहर की पुलिस को आरोपी व्यक्तियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर मामले की तत्काल जांच करने को कहा है. इसने पुलिस से बच्चों की पहचान करने और उन्हें बयान दर्ज करने के लिए बाल कल्याण समिति के समक्ष पेश करने को कहा.


NCPCR ने कही ये बात


एनसीपीसीआर ने कहा कि उसे अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट पर युवा सेना के अध्यक्ष ठाकरे के खिलाफ सह्याद्री राइट्स फोरम के कानूनी प्रमुख धृतिमान जोशी से शिकायत मिली है. NCPCR के पत्र में लिखा है कि उक्त ट्विटर लिंक के माध्यम से, बच्चों को विरोध प्रदर्शन के हिस्से के रूप में देखा जाता है. आयोग ने मामले का संज्ञान लेते हुए कहा है कि ऐसा अधिनियम प्रथम दृष्टया अधिनियम 2015 के किशोर न्याय (बच्चों की देखभाल और संरक्षण) और बाल और किशोर श्रम (निषेध और विनियमन) अधिनियम, भारत के संविधान और के उल्लंघन में है.


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आदित्य ठाकरे ने किया था प्रदर्शन


आयोग ने पुलिस को तीन दिनों के भीतर इसे अपडेट करने को भी कहा है. एक पुलिस अधिकारी ने पत्र मिलने की पुष्टि की और कहा कि वे मामले की जांच कर रहे हैं. आदित्य ठाकरे ने रविवार को आरे जंगल में पिकनिक प्वाइंट के पास विवादास्पद मेट्रो 3 कार शेड स्थल के खिलाफ विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व किया. उन्होंने कहा था कि यह मुंबई के लिए लड़ाई है, जीवन के लिए लड़ाई है. हमने जंगल के लिए और अपने आदिवासियों की रक्षा के लिए लड़ाई लड़ी. जब हम यहां थे तो कोई पेड़ नहीं काटा गया."


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