New Parliament Building: एनसीपी नेता सुप्रिया सुले ने नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह को बताया अधूरा, कहा-अब हमें नए संसद भवन में जाना होगा
Parliament Building Inauguration: सुप्रिया सुले ने कहा कि बिना विपक्ष की उपस्थिति के नए संसद भवन का उद्घाटन संपन्न नहीं हो सकता, इसका मतलब है कि देश में लोकतंत्र नहीं है. ये एक अधूरा कार्यक्रम है.
New Parliament Inauguration: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने रविवार सुबह संसद के नए भवन का (New Parliament Building) उद्घाटन किया. इसके लिए एक समारोह संसद भवन परिसर में आयोजित किया. इस उद्घाटन समारोह का कांग्रेस समेत 20 से अधिक राजनीतिक दलों ने विरोध किया. विपक्ष का कहना है कि संसद भवन का उद्घाटन राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु (President Droupadi Murmu) को करना चाहिए था. उसका कहना है कि सरकार संसद भवन का उद्घाटन या शिलान्यास किसी दलित या आदिवासी से नहीं कराना चाहती है. इसलिए राष्ट्रपति को द्रौपदी मुर्मु को नहीं बुलाया गया. इस बीच एनसीपी (NCP) नेता और सांसद सुप्रिया सुले (Supriya Sule) ने संसद के उद्घाटन समारोह को अधूरा कार्यक्रम बताया है.
क्या कहना है एनसीपी नेता का
समाचार एजेंसी एएनआई से सुप्रिया सुले ने कहा, ''बिना विपक्ष की उपस्थिति के नए संसद भवन का उद्घाटन संपन्न नहीं हो सकता, इसका मतलब है कि देश में लोकतंत्र नहीं है. ये एक अधूरा कार्यक्रम है. तीन दिन पहले हमें व्हाट्सएप पर निमंत्रण भेजा गया. वे फोन पर विपक्ष के नेताओं से संपर्क कर सकते थे...पुराने संसद भवन से हमारी यादें जुड़ी हुई हैं. हम सभी पुराने संसद भवन से प्यार करते हैं, वह भारत की आजादी का वास्तविक इतिहास है. लेकिन अब हमें नए संसद भवन में जाना होगा.''
नए संसद भवन का उद्घाटन समारोह
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूरे विधि-विधान से इसका शुभारंभ किया. नए संसद भवन में लोकसभा में 888 और राज्यसभा में 384 सदस्यों के बैठने की व्यवस्था है. समारोह की शुरुआत पूजा-पाठ से हुई. तमिलनाडु से आए पुजारियों ने करीब एक घंटे तक पूजा-पाठ की. इसके बाद प्रधानमंत्री मोदी सेंगोल के सामने दंडवत हो गए. उन्होंने सेंगोल को लेकर लोकसभा में अध्यक्ष के आसान के पास स्थापित किया. इस अवसर पर उनके साथ लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला भी थे. सेंगोल की स्थापना के बाद पीएम नरेंद्र मोदी ने तमिलनाडु के विभिन्न अधीनम संतों का आशीर्वाद प्राप्त किया.
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