(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Maharashtra: नई संसद भवन पर प्रकाश आंबेडकर बोले- '2024 में BJP को हराकर दोबारा से पार्लियामेंट का...'
New Parliament Building: प्रकाश आंबेडकर ने कहा कि RSS और बीजेपी वैदिक धर्म को मानने वाली है. वैदिक धर्म में महिला और आदिवासी का कोई स्थान नहीं है. आज वही दिखाई दे रहा है.
Parliament Building Inauguration: पीएम नरेंद्र मोदी के हाथों नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह को लेकर विपक्ष लगातार केंद्र की बीजेपी सरकार पर हमलावर है. विपक्ष के 21 दलों ने इसे राष्ट्रपति मुर्मू और आदिवासियों का अपमान बताते हुए इसके उद्घाटन समारोह का बहिष्कार किया है. भीमराव आंबेडकर के पोते और वंचित बहुजन आघाड़ी के प्रमुख प्रकाश आंबेडकर भी अब इसमें कूद पड़े हैं.
'बीजेपी को हराकर दोबारा राष्ट्रपति से कराएंगे पार्लियामेंट का उद्घाटन'
प्रकाश आंबेडकर ने कहा कि आरएसएस और बीजेपी वैदिक धर्म को मानने वाली और उसकी प्रचाक है, वैदिक धर्म में महिला और आदिवासी का कोई स्थान नहीं है. इसलिए बीजेपी राष्ट्रपति मुर्मू से नए संसद भवन का उद्घाटन न कराते हुए पीएम मोदी से इसका उद्घाटन करा रही है. इसकी हम निंदा करते हैं. उन्होंने कहा कि हम आश्वसत करते हैं कि 2024 में आरएसएस और बीजेपी को हराकर राष्ट्रपति मुर्मू के हाथों दोबारा पार्लियामेंट का उद्घाटन कराएंगे.
'आदिवासी और महिला विरोधी है आरएसएस-बीजेपी'
प्रकाश आंबेडकर ने ट्वीट कर कहा, 'नये विस्तारित पार्लियामेंट का उद्घाटन हो रहा है. बड़े दुर्भाग्य की बात है कि केंद्र में RSS - BJP की सरकार है. RSS-BJP वैदिक धर्म को मानने वाली और उसकी प्रचारक है. वैदिक धर्म में महिला और आदिवासी को कोई स्थान नहीं. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू एक आदिवासी महिला हैं. RSS-BJP की विचारधारा में महिला, आदिवासी दोनों ही इंसान नहीं हैं. आज वही दिखाई दे रहा है की द्रौपदी मुर्मू राष्ट्रपति होने के बावजूद नये पार्लियामेंट का उद्घाटन उनके हाथों से ना करते हुए बीजेपी अपने आदमी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से करा रही है. इसकी हम निंदा करते हैं. देशभर के आदिवासियों को जो संदेश दिया जा रहा है कि उनको कोई स्थान नहीं है. उन्हें आश्वासित करते हैं कि 2024 में RSS- BJP को हराकर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के हाथों दोबारा नये पार्लियामेंट का उद्घाटन कराएंगे.'
28 मई को पीएम मोदी करेंगे नए संसद भवन का उद्घाटन
बता दें कि नए संसद भवन का उद्घाटन 28 मई को प्रधानमंत्री मोदी के हाथों होगा. विपक्ष का कहना है कि चूंकि संसद का प्रमुख राष्ट्रपति होता है इसलिए इसका उद्घाटन राष्ट्रपति के हाथों कराया जाना चाहिए, इस कार्यक्रम में राष्ट्रपति को न बुलाकर उनका अपमान किया जा रहा है.
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