Maharashtra: नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह के विरोध के बीच अब संजय राउत बोले- 'हम जानना चाहते हैं कि...'
New Parliament Building Inauguration: राज्यसभा सांसद संजय राउत ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को नये संसद भवन के उद्घाटन में नहीं बुलाए जाने पर बीजेपी पर उन्हें दरकिनार करने का आरोप लगाया है.
Maharashtra: शिवसेना (यूबीटी) के नेता और राज्यसभा सांसद संजय राउत (Sanjay Raut) ने नये संसद भवन (New Parliament Building) के उद्घाटन समारोह का बहिष्कार करने के 20 विपक्षी दलों के फैसले के बीच, शुक्रवार को कहा कि यह एक राष्ट्रीय कार्यक्रम है, किसी राजनीतिक दल का (कार्यक्रम) नहीं. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Narendra Modi) रविवार (28 मई) को नये संसद भवन का उद्घाटन करने वाले हैं. विपक्षी दलों ने बीजेपी (BJP) पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू (Draupadi Murmu) को उद्घाटन के लिए आमंत्रित नहीं करने पर, उन्हें 'दरकिनार' करने का आरोप लगाया है.
राज्यसभा सांसद संजय राउत ने मीडिया से कहा, 'हम नये (संसद) भवन के उद्घाटन के खिलाफ नहीं हैं. हम जानना चाहते हैं कि भारत की राष्ट्रपति को क्यों नहीं आमंत्रित किया गया ? उपराष्ट्रपति कहां हैं, जो राज्यसभा के सभापति हैं. आमंत्रण सूची में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला का नाम है.' विपक्षी दलों का कहना है कि देश की संवैधानिक प्रमुख होने के नाते राष्ट्रपति को नये संसद भवन का उद्घाटन करना चाहिए.
बीजेपी सवालों का जवाब देने के ढ़ूंढ रही है बहाने- संजय राउत
संजय राउत ने हैरानी जताते हुए कहा कि बीजेपी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी को समारोह से दूर रखा गया है, जिनकी वजह से बीजेपी अब 'अच्छे दिन' देख रही है. उन्होंने बीजेपा पर सवालों से भागने का आरोप लगाते हुए कहा कि, 'बीजेपी सवालों का जवाब देने के बजाय इंदिरा गांधी द्वारा मौजूदा संसद भवन के विस्तारित परिसर और राजीव गांधी द्वारा संसद पुस्तकालय का उद्घाटन किये जाने जैसे बहाने बना रही है.'
पीएम मोदी कल करेंगे नये संसद भवन का उद्घाटन
नए संसद भवन का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 28 मई करेंगे. 21 राजनीतिक दलों ने इसका बहिष्कार करने की घोषणा की है. नए भवन का निर्माण कार्य 10 दिसंबर 2020 को शुरू किया गया था जब प्रधानमंत्री ने इसकी आधारशिला रखी थी. संसद की पुरानी बिल्डिंग 1927 में बनकर तैयार हुई थी और तकरीबन 100 साल पुरानी हो चुकी है.
नए संसद भवन की क्या है खासियत?
पुरानी बिल्डिंग की तरह ही नए इमारत में भी लोकसभा और राज्यसभा के लिए दो अलग-अलग चेंबर होंगे. लोकसभा चेंबर में जहां एक साथ 888 सदस्य सदस्यों के बैठने की व्यवस्था की गई है. वहीं राज्यसभा के चेंबर में एक साथ 384 सदस्य बैठ सकेंगे. पुरानी बिल्डिंग में संयुक्त सत्र का आयोजन सेंट्रल हॉल में किया जाता था, लेकिन नए इमारत में इसका आयोजन लोकसभा चेंबर में किया जाएगा, जिसमें जरूरत पड़ने पर एक साथ 1280 सांसद बैठ सकेंगे.
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