New Parliament Inauguration: महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना ने बृहस्पतिवार को नए संसद भवन को “नए भारत का प्रतीक” बताया, और कहा कि यह राज्य के लिए गर्व की बात है कि इस ढांचे का उद्घाटन 28 मई को दिवंगत हिंदुत्व विचारक वी.डी. सावरकर की जयंती पर किया जाएगा. पार्टी ने विपक्षी दलों से भी आग्रह किया कि वे राजनीतिक मतभेदों को एक तरफ रखकर उद्घाटन समारोह का बहिष्कार करने के बजाय इसमें शामिल हों.
राज्य में भारतीय जनता पार्टी के साथ मिलकर सरकार चला रही शिवसेना ने एक बयान में कहा, “भारत सरकार ने वीर सावरकर की जयंती पर नए संसद भवन का उद्घाटन करने का निर्णय लेकर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की.” इसमें कहा गया, “शिवसेना 28 मई को नयी दिल्ली में नए संसद भवन के उद्घाटन का बहिष्कार करने वाले विपक्षी दलों के भेदभावपूर्ण व्यवहार पर गहरी निराशा व्यक्त करती है.”
कांग्रेस, वामपंथी दल, तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) और आम आदमी पार्टी (आप) सहित 21 विपक्षी दलों ने संयुक्त रूप से बहिष्कार की घोषणा करते हुए कहा है कि जब “लोकतंत्र की आत्मा को कुचल दिया गया है” तो उन्हें नयी इमारत में कोई मूल्य नजर नहीं आता है.
ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने अलग से कहा कि अगर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला नए संसद भवन का उद्घाटन नहीं करते हैं, तो उनकी पार्टी इस कार्यक्रम में शामिल नहीं होगी.
शिवसेना ने कहा, “नया संसद भवन नए भारत का प्रतीक है. यह भारतीय लोकतंत्र की ताकत और कद को प्रदर्शित करता है. महाराष्ट्र राज्य के लिए यह बहुत गर्व की बात है कि भारत सरकार ने नयी संसद के उद्घाटन के लिए वीर विनायक दामोदर सावरकर की जयंती को चुना है. इस भाव से हर महाराष्ट्रवासी और देशभक्त सम्मानित महसूस करता है.” उसने कहा, “हम महाराष्ट्र के सभी राजनीतिक दलों से आग्रह करते हैं कि वे अपने राजनीतिक मतभेदों को अलग रखें और राष्ट्रीय एकता के लिए और वीर सावरकर को श्रद्धांजलि के रूप में इस राष्ट्रीय उत्सव में शामिल हों.”
मुख्यमंत्री शिंदे नए संसद भवन के उद्घाटन के अवसर पर 28 मई को राष्ट्रीय राजधानी में महाराष्ट्र के लोगों का प्रतिनिधित्व करेंगे. पार्टी ने कहा कि वह वीर सावरकर को उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि भी देंगे.