महाराष्ट्र में सियासी हलचल के बीच नितिन गडकरी का बड़ा बयान, 'राजनीति असंतुष्ट आत्माओं का...'
Nitin Gadkari News: बीजेपी के वरिष्ठ नेता नितिन गडकरी ने सियासी हालात को लेकर कहा कि मुख्यमंत्री इसलिए तनाव में रहता है क्योंकि उसे नहीं पता कि कब आलाकमान उसे पद छोड़ने के लिए कह देगा.
Nitin Gadkari Speech: केंद्रीय मंत्री और बीजेपी के वरिष्ठ नेता नितिन गडकरी ने कहा है कि राजनीति ‘‘असंतुष्ट आत्माओं का सागर’’ है, जहां हर व्यक्ति दुखी है और अपने वर्तमान पद से ऊंचे पद की आकांक्षा रखता है. उनका ये बयान ऐसे समय में आया है जब महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री पद और नई सरकार के स्वरूप को लेकर सस्पेंस है.
भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के वरिष्ठ नेता ने नागपुर में रविवार को ‘जीवन के 50 स्वर्णिम नियम’ नामक पुस्तक के विमोचन के मौके पर कहा कि चाहे व्यक्ति पारिवारिक, सामाजिक, राजनीतिक या कॉरपोरेट जीवन में हो, जीवन चुनौतियों और समस्याओं से भरा है और व्यक्ति को उनका सामना करने के लिए ‘‘जीवन जीने की कला’’ को समझना चाहिए.
पुराने बयान को किया याद
मंत्री ने राजस्थान में आयोजित एक कार्यक्रम को याद करते हुए कहा, ‘‘राजनीति असंतुष्ट आत्माओं का सागर है, जहां हर व्यक्ति दुखी है... जो पार्षद बनता है वह इसलिए दुखी होता है क्योंकि उसे विधायक बनने का मौका नहीं मिला और विधायक इसलिए दुखी होता है क्योंकि उसे मंत्री पद नहीं मिल सका.’’
बीजेपी नेता ने कहा, ‘‘जो मंत्री बनता है वह इसलिए दुखी रहता है कि उसे अच्छा मंत्रालय नहीं मिला और वह मुख्यमंत्री नहीं बन पाया तथा मुख्यमंत्री इसलिए तनाव में रहता है क्योंकि उसे नहीं पता कि कब आलाकमान उसे पद छोड़ने के लिए कह देगा.’’
उन्होंने कहा कि जीवन में समस्याएं बड़ी चुनौतियां पेश करती हैं और उनका सामना करना तथा आगे बढ़ना ही ‘‘जीवन जीने की कला’’ है.
गडकरी ने कहा कि उन्हें अपने राजनीतिक जीवन में अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति रिचर्ड निक्सन की आत्मकथा का एक उद्धरण याद है, जिसमें कहा गया है, ‘‘कोई व्यक्ति तब खत्म नहीं होता जब वह हार जाता है. वह तब खत्म होता है जब वह हार मान लेता है.’’
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