Mumbai: मूल 'शिवसेना' नाम और 'धनुष-बाण' चुनाव चिन्ह खोने के चार दिन बाद शिवसेना (यूबीटी) के अध्यक्ष उद्धव ठाकरे से बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) सुप्रीमो शरद पवार ने मौजूदा राजनीतिक हालात पर फोन पर बातचीत की. ठाकरे ने कहा कि मुझे पूरे भारत से कई नेताओं के फोन आ रहे हैं. शरद पवार और नीतीश कुमार ने फोन किया है. वे घटनाक्रम को लेकर बहुत चिंतित हैं.
ईसीआई के फैसले के बाद पहला सीधा संवाद
शुक्रवार को भारतीय चुनाव आयोग (ईसीआई) के फैसले के बाद ठाकरे-पवार के बीच यह पहला सीधा संवाद था, जिसमें मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले गुट को 'शिवसेना' नाम और 'धनुष-तीर' चिन्ह दिया गया था. पार्टी के पदाधिकारियों ने कहा कि समझा जाता है कि पवार ने ठाकरे को बता दिया है कि महा विकास अघाड़ी (एमवीए) ठाकरे के साथ उनकी लड़ाई में मजबूती से खड़ा है.
फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में दायर हुई याचिका
ठाकरे ने कहा कि चुनाव आयोग के 'गलत फैसले' ने पूरे भारत के राजनीतिक दलों में आशंकाएं पैदा कर दी हैं कि ऐसा उनमें से किसी के साथ भी हो सकता है और इस तरह पार्टियों को तोड़ने की मिसाल कायम की है. इससे पहले, राकांपा अध्यक्ष ने स्पष्ट कर दिया था कि वह नाम-प्रतीक लाइन में प्रवेश नहीं करेंगे, यहां तक कि बाद में सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में भारतीय चुनाव आयोग के फैसले पर याचिका दायर की और इस पर रोक लगाने की मांग की.
लड़ाई में कांग्रेस ने लगाया पूरा जोर
एमवीए की सहयोगी कांग्रेस ने भी ठाकरे की ओर से उद्धव ठाकरे के अपने पिता दिवंगत बालासाहेब ठाकरे द्वारा स्थापित पार्टी के नाम-चिन्ह को फिर से हासिल करने के लिए शुरू की गई लड़ाई में अपना पूरा जोर लगा दिया है.
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