No Confidence Motion Live: लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान माहौल अचानक बेहद गर्म हो गया जब केंद्रीय मंत्री नारायण राणे (Narayan Rane) चर्चा में हिस्सा लेने के लिए खड़े हुए. नारायण राणे से ठीक पहले उद्धव ठाकरे गुट के नेता अरविंद सावंत (Arvind Sawant) ने अपनी बात रखी थी और हिंदुत्व के मुद्दे पर उन नेताओं को घेरा था जो शिवसेना से अलग हुए हैं. इसी बात पर नारायण राणे बिफर गए और फिर तीखी बहस होने लगी. राणे ने कहा कि जो लोग हिंदुत्व की बात करते हैं क्या उन्हें तब यह याद नहीं आया जब उन्होंने शरद पवार (Sharad Pawar) के साथ महाराष्ट्र में सरकार बनाई थी.


लोकसभा में महाराष्ट्र के सांसद अपनी-अपनी राय रख रहे थे. इस बीच मुंबई दक्षिण से शिवसेना-यूबीटी सांसद अरविंद गणपत सावंत बोलने के लिए उठे. उन्होंने कहा, ''मैं भाषण सुन रहा हूं कि 1953 में क्या हुआ 1956 में क्या हुआ, ऐसा कहने वाले तब पैदा भी नहीं हुए. पूरे विषय को लेकर गंभीरता को कम करने का प्रयास हो रहा है. मैं इसकी निंदा करता हूं.'' इसके बाद उन्होंने कहा, ''ये हमको हिंदुत्व सिखा रहे हैं, हम पैदाइशी हैं. हिंदुत्व भगोड़े नहीं होते, जो भगोड़े हैं, वे क्या बोलेंगे. बालासाहेब ने कहा था कि मुझे मंदिर में घंटा बजाने वाला हिंदू नहीं चाहिए, आतंकवादियों को मारने वाला हिंदू चाहिए.''


2019 में याद नहीं आया हिंदुत्व- राणे
अरविंद सावंत के इस बात से नारायण राणे काफी बिफर गए जो कि शिवसेना छोड़कर बीजेपी में आए हैं. इसलिए जब चेयर ने उन्हें बोलने का मौका दिया तो उन्होंने जवाब देते हुए कहा, ''मैंने अरविंद सावंत का भाषणा सुना तो लगा कि मैं दिल्ली में नहीं बल्कि महाराष्ट्र विधानसभा में हूं.'' राणे ने आगे कहा, ''उद्धव ठाकरे गुट ने हिंदुत्व के बारे में बताया. जब 2019 में सत्ता पाने के लिए बीजेपी को छोड़कर पवार के साथ गए तो हिंदुत्व याद नहीं आया. वो हिंदुत्व और असली शिवसेना के बारे में बात कर रहे हैं.''


जब नाराय़ण राणे बोले- बैठ पीछे बैठ
इसके बाद नारायण राणे और आक्रामक हो गए और अरविंद सावंद की तरफ इशारा करते हुए कहा, ''ये शिवसेना में कब आया. मैं 1967 से शिवसैनिक था.'' जब अरविंद सावंत ने जवाब देने की कोशिश की तो नारायण राणे ने कहा, ''बैठ पीछे बैठ. पार्टी छोड़ने में ताकत लगती है. मैंने पार्टी छोड़ी तो 200 लोगों ने प्रदर्शन किया. ये बात करते हैं. अभी जो आवाज है वह टाइगर की नहीं बिल्ली की है. अपना महाराष्ट्र में देखो, कहां डूबने वाले हो. बीजेपी पर उंगली उठाई तो तुम्हारी औकात दिखाउंगा. '' इस बीच चेयर की तरफ से अपील की गई कि संसद सदस्य व्यक्तिगत टिप्पणी न करें. 


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