बूस्टर डोज़ के मामले में पिछड़ा Maharashtra, 11 जिलों में 18-59 उम्र के लोगों को नहीं लगा एक भी टीका
Maharashtra News: नंदुरबार के जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. गोविंद चौधरी ने कहा कि राज्य के पास 1.3 करोड़ का बूस्टर डोज का स्टॉक है, लेकिन लोग टीका कगवाने में रुचि नहीं दिखा रहे हैं.
Maharashtra lagging behind in applying booster dose: महाराष्ट्र (Maharashtra) में कोरोना (Coronavirus) को लेकर हालात एक बार फिर बिगड़ते जा रहे हैं. लोगों का टीकाकरण न होना भी इसकी प्रमुख वजहों में से एक है. आलम ये है कि सरकार द्वारा बूस्टर शॉट्स (Booster Dose) की अनुमति मिलने के लगभग दो महीने बाद भी 18 से 59 साल के लोगों को राज्य के 11 जिलों- अकोला, भंडारा, परभणी, गढ़चिरौली, गोंदिया, हिंगोली, नांदेड़, सिंधुदुर्ग, वर्धा, वाशिम और यवतमाल में एक भी खुराक नहीं दी गई है.
राज्य के आठ जिलों में दिये गए 50 से कम बूस्टर डोज
राज्य के आठ जिले ऐसे हैं जहां 50 से कम बूस्टर शॉट दिए गए हैं. इसमें स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे का जिला जालना भी शामिल है, जहां 1 जून तक केवल तीन शॉट लगाए थे. आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार 1 जून तक राज्य में 18-59 आयु वर्ग के केवल 2.68 लाख लाभार्थियों ने ही पहली खुराक ली है. इनमें 96 फीसदी खुराक सात जिलों में दी गई है.मुंबई में कुल 1.19 लाख लोगों ने कोरोना की तीसरी डोज ली है. पुणे में 61 हजार 75, ठाणे में 49 हजार 389, रायगढ़ में 10 हजार 151, औरंगाबाद में 6 हजार 399, नागपुर में 5 हजार 601 और नासिक में 5 हजार 490 लोगों ने बूस्टर डोज ली है. कोरोना से प्रभावित ज्यादातर क्षेत्र ग्रामीण इलाकों से हैं जहां लोगों को बूस्टर शॉट लेने के लिए शहरों तक जाने के लिए लंबी दूरी तय करनी पड़ती है.
बूस्टर डोज लेने में रुचि नहीं दिखा रहे लोग
नागपुर में भंडारा के मोहदी तालुका में रहने वाली एक 42 वर्षीय एचआईवी संक्रमित महिला को तीसरा शॉट लेने के लिए 50 किमी का सफर तय करना पड़ा. महिला ने करा कि हमें बूस्टर डोज लेने के लिए एक भी नजदीकी केंद्र नहीं मिला. संक्रमण की वजह से मुझे और ज्यादा सतर्क रहना होगा, इसलिए मैंने नागपुर तक की यात्रा करने का फैसला किया. यह अकेला मामला नहीं है, स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रहे कई लोगों को बूस्टर डोज लेने के लिए लंबी यात्रा करनी पड़ रही है. राज्य में फ्रंटलाइन वर्कर्स और 60 साल से ऊपर के लोगों के लिए बूस्टर डोज अभियान 10 जनवरी से शुरू किया गया था. 10 अप्रैल को 18-59 साल के लोगों के लिए भी बूस्टर डोज अभियान शुरू कर दिया गया. बता दें कि कोरोना के गंभीर मामलों में गिरावट के बाद लोग बूस्टर डोज लगवाने में रुचि नहीं ले रहे हैं. इसकी वजह से महाराष्ट्र में मई तक 5 लाख से अधिक एक्सपायर्ड शीशियों को फेंक दिया गया.
आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार 60 वर्ष से अधिक आयु के लोगों में भी मुफ्त बूस्टर डोज को लेकर ज्यादा रुचि नहीं दिख रही है. 1 जून तक इस आयु वर्ग के 16.44 लाख लोगों ने बूस्टर डोज ली. आकंडों के अनुसार राज्य में लगभग 68% पात्र स्वास्थ्यकर्मियों और फ्रंट लाइन वर्कर ने बूस्टर डोज नहीं ली है. नंदुरबार के जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. गोविंद चौधरी ने कहा कि राज्य के पास 1.3 करोड़ का बूस्टर डोज स्टॉक है. उन्होंने कहा कि हमारे पास टीके ज्यादा हैं लेकिन मांग बहुत कम है. बार-बार अलर्ट करने के बाद भी 90 प्रतिशत लोग टीका लगवाने नहीं आ रहे हैं. इसलिए अब हमने डोर-टू-डोर सर्वेक्षण शुरू किया है.
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