Laxman Hake Protest: ओबीसी नेता लक्ष्मण हाने ने अपना अनशन खत्म कर दिया है. हाके पीछे दस दिनों से भूख हड़ताल पर बैठे थे. आज उन्होंने पानी पीकर इस अनशन को खत्म कर दिया.


महाराष्ट्र सरकार की तरफ से लक्ष्मण हाके को लिखित में आश्वासन दिया गया है कि राज्य सरकार उनके सभी मांगो को लेकर सकारात्मक चर्चा कर रही है.


लक्ष्मण हाके की कुछ मांगों को सरकार ने माना
सरकार ने बताया कि कुछ मांगो को लेकर फैसला ले लिया गया है. कुछ मांगो को लेकर फैसला होना बाकी है. लंबित मांगो के निपटारे के लिए मानसून सत्र के पहले हफ्ते में सर्वदलीय बैठक आयोजित की गई है. साथ में ये भी आश्वासन दिया गया कि आरक्षण के मामले में ओबीसी समाज के हितों के साथ किसी भी प्रकार का समझौता नही हो इस बात का राज्य सरकार ख्याल रखेगी.


बता दें कि कल  शाम 5.30 बजे सहयाद्री गेस्ट हाउस-मालाबार हिल पर ओबीसी प्रतिनिधि मंडल और राज्य सरकार के कई मंत्रियों के बीच लक्ष्मण हाके के अनशन और उनके मांगो को लेकर विस्तार से चर्चा की गई थी. मीटिंग के बाद ये तय किया गया था कि मंत्री और ओबीसी नेता छगन भुजबल के नेतृत्व में राज्य सरकार का एक प्रतिनिधिमंडल हाके से मिलने जालना जाएगा. उन तक सरकार की बात पहुंचाएगा और फिर उनसे अनशन तोड़ने का आग्रह करेगा.


क्यों अनशन पर बैठे थे लक्ष्मण हाके?
ओबीसी कार्यकर्ता लक्ष्मण हाके इस बात पर सरकार की तरफ से आश्वाशन चाहते थे कि मराठा समुदाय को समायोजित करने के लिए ओबीसी आरक्षण से छेड़छाड़ नहीं की जाएगी. हाके और एक अन्य कार्यकर्ता नवनाथ वाघमारे 13 जून से जालना जिले के वाडीगोद्री गांव में भूख हड़ताल पर बैठे थे. ओबीसी कार्यकर्ता महाराष्ट्र सरकार की मसौदा अधिसूचना को रद्द करने की मांग कर रहे हैं, जिसमें कुनबी को मराठा समुदाय के सदस्यों के ' ऋषि सोयारे ' के रूप में मान्यता दी गई है.


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