PM Modi in Pune: 'पहले भ्रष्टाचार का आरोप और अब...', एकसाथ आए शरद पवार और PM मोदी तो उद्धव ठाकरे ने याद दिलाई ये बात
PM Modi Pune Visit: आज एक कार्यक्रम में शरद पवार के साथ पीएम मोदी मंच साझा करेंगे. इसी को लेकर उद्धव ठाकरे ने पीएम मोदी की आलोचना की है और उन्हें उनका एक पुराना बयान याद दिलाया है.
PM Modi and Sharad Pawar in Mumbai: एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार मंगलवार को तिलक स्मारक मंदिर के पुरस्कार समारोह में पीएम नरेंद्र मोदी के साथ शामिल होने के लिए तैयार हैं. ट्रस्ट के उपाध्यक्ष रोहित तिलक ने इसकी पुष्टि की है. शनिवार को तिलक का बयान पीएम मोदी के साथ समारोह में उनकी उपस्थिति को लेकर कांग्रेस सहित पवार की एनसीपी के सहयोगियों की कुछ अस्वीकृति के बीच आया. हालांकि, तिलक, जो स्वयं एक कांग्रेसी हैं, ने स्पष्ट किया कि पुरस्कार समारोह एक गैर-राजनीतिक कार्यक्रम है, और ऐसे अवसरों पर राजनीतिक नेताओं की उपस्थिति पर आपत्ति नहीं की जानी चाहिए.
पीएम मोदी होंगे सम्मानित
1 अगस्त को होने वाले पुरस्कार समारोह में पीएम मोदी को लोकमान्य तिलक राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा. तिलक ने इस बात पर जोर दिया कि तिलक स्मारक मंदिर ट्रस्ट विभिन्न सफल व्यक्तित्वों को मान्यता और सम्मान देता रहा है, जिसमें केवल राजनेता ही नहीं बल्कि प्रसिद्ध वैज्ञानिक भी शामिल हैं. इसलिए, उन्होंने इस आयोजन का राजनीतिकरण न करने का आग्रह किया. तिलक ने जोर देकर कहा कि एनसीपी प्रमुख ने पहले ही अपनी उपस्थिति की पुष्टि कर दी थी और उनके कार्यक्रम में कोई बदलाव नहीं हुआ है.
उद्धव ठाकरे ने की बैठक की आलोचना
'भारत' के घटक दल शिवसेना (यूबीटी) के उद्धव ठाकरे ने 1 अगस्त की बैठक की आलोचना की है. उन्होंने कहा कि पीएम मोदी ने भोपाल में एक समारोह में बोलते हुए एनसीपी पर 70,000 करोड़ रुपये के भ्रष्टाचार का आरोप लगाया था और अब वह पुणे में उसी एनसीपी के साथ मंच साझा करने जा रहे हैं.
कांग्रेस का भी हमला
FPJ में छपी खबर के अनुसार, महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस कमेटी (एमपीसीसी) के अध्यक्ष नाना पटोले ने शनिवार को को बताया कि मोदी ने एक निजी संगठन द्वारा दिए गए पुरस्कार को स्वीकार करने के लिए सहमत होकर प्रधान मंत्री कार्यालय की प्रतिष्ठा को कम कर दिया है. उन्होंने कहा, "यह सरकारी प्रोटोकॉल के खिलाफ है." पवार की भागीदारी के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि यह फैसला एनसीपी नेता को करना है कि क्या उन्हें ऐसे समय में एक ही मंच पर दिखना चाहिए जब विपक्ष मणिपुर मुद्दे पर प्रधानमंत्री के खिलाफ एकजुट है.