Maharashtra: पटना में महामंथन पर विपक्षी दलों को उद्धव गुट की सलाह- 'अगर हम साथ आ जाते हैं तो वोटर्स में...'
Opposition Parties Meeting Patna: शिवसेना (यूबीटी) ने कहा कि अगर हम सभी साथ आ जाते हैं तो इससे वोटर्स के बीच विश्वास पैदा होगा. पार्टी ने कहा कि विपक्षी दलों को ईमानदारी से मंथन करना होगा.
Opposition Parties Meeting: पटना में विपक्षी दलों की बैठक के मद्देनजर शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) ने शुक्रवार को कहा कि अगर 2024 के बाद लोकतंत्र जीवित रखना है तो राजनीतिक दलों को मतदाताओं के बीच विश्वास पैदा करने के लिए राष्ट्रीय हित में बड़ा दिल दिखाना होगा. पार्टी के मुखपत्र ‘सामना’ में प्रकाशित संपादकीय में उद्धव बालासाहेब ठाकरे की अगुवाई वाली शिवसेना ने कहा कि आम आदमी पार्टी (आप) और के चंद्रशेखर राव नीत भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) की राष्ट्रीय महत्वाकांक्षाएं हैं लेकिन इससे अप्रत्यक्ष रूप से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को मदद मिलेगी और उनकी ‘तानाशाही’ को ही समर्थन मिलेगा.
'...वोटर्स के बीच विश्वास पैदा होगा'
इन दोनों दलों का विभिन्न राज्यों में कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) से सीधा मुकाबला है. बीआरएस महाराष्ट्र में पैर जमाने के लिए राज्य में रैलियां कर रही है. संपादकीय में कहा गया है, ‘‘अगर 2024 के बाद लोकतंत्र को जीवित रखना है तो राजनीतिक नेताओं को राष्ट्रीय हित के लिए बड़ा दिल दिखाना होगा. अगर सभी साथ आते हैं तो इससे मतदाताओं के बीच विश्वास पैदा होगा.’’
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'विपक्षी एकता को तोड़ने की कोशिश होगी'
इसमें कहा गया है कि प्रधानमंत्री मोदी की कोशिश किसी न किसी तरीके से विपक्षी एकता को तोड़ने की होगी. शिवसेना ने कहा कि अगर 450 सीटों पर सीधा मुकाबला होता है तो बीजेपी पराजित होगी. पीएम मोदी कितनी भी कोशिश कर लें फिर भी उनकी दयनीय पराजय हो सकती है. यह देश के कई राज्यों ने दिखा दिया है.
'देशभक्त दल एक साथ आ रहे हैं'
पार्टी ने कहा कि अगर विपक्षी दल पटना बैठक में ईमानदारी से मंथन करते हैं तो कानून, संविधान और न्यायपालिका में भरोसा न रखने वाले शासकों को हराया जा सकता है. ‘सामना’ में प्रकाशित संपादकीय के अनुसार, यह कहना गलत होगा कि बीजेपी का विरोध करने वाले नेता पटना में बैठक कर रहे हैं बल्कि यह कहना सही होगा कि देश में संविधान और लोकतंत्र को बचाने के लिए ‘‘देशभक्त’’ दल एक साथ आ रहे हैं.
पार्टी ने कहा कि देश तानाशाही की राह पर आगे बढ़ रहा है. देश में लोकतंत्र और आजादी खतरे में है. उन्होंने कहा कि मोदी और उनकी पार्टी का मानना है कि केंद्रीय एजेंसियों का इस्तेमाल कर विपक्ष को खत्म कर देना चाहिए. उसने कहा कि ये सभी तानाशाही के संकेत हैं.