Maharashtra: विपक्षी दलों की बैठक में शामिल हुए शरद पवार, BJP का जिक्र करते हुए दिया ये बड़ा बयान
Opposition Parties Meeting: बेंगलुरू में शरद पवार विपक्षी दलों की बैठक में शामिल हुए. वो ऐसे समय में इस बैठक का हिस्सा बने हैं जब उनकी पार्टी में दो फाड़ हो चुका है. अजित पवार गुट बगावत कर चुका है.
Opposition Parties Meeting News: एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने बेंगलुरू में विपक्षी दलों की बैठक में बड़ा बयान दिया. उन्होंने अपनी बात रखते हुए कहां कि सब मिलकर बीजेपी को हराएंगे. इससे पहले शरद पवार पटना में भी विपक्षी दलों की बैठक में शामिल हुए थे. वहां भी उन्होंने विपक्षी एकता पर जोर दिया था. पटना में शरद पवार ने उद्धव ठाकरे से गठबंधन का हवाला देते हुए कहा था कि दोनों दलों की विचारधारा अलग-अलग थी, दोनों एक दूसरे के खिलाफ चुनाव लड़े लेकिन बाद में मिलकर सरकार बनाई.
वहीं शरद पवार ने ट्वीट करते हुए कहा, "बेंगलुरु में विपक्षी दलों की संयुक्त बैठक में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अध्यक्ष सांसद मल्लिकार्जुन खड़गे, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के नेता राहुल गांधी, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव, दिल्ली के मुख्यमंत्री के साथ शामिल हुए. अरविंद केजरीवाल, सीपीआई (एम) नेता सीताराम येचुरी, समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव, अखिल भारतीय तृणमूल कांग्रेस नेता श्री डेरेक ओ'ब्रायन और विभिन्न विपक्षी गणमान्य व्यक्ति. इस अवसर पर उपस्थित सभी लोगों ने फैसला लिया कि हम लड़ेंगे और हम जीतेंगे."
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) - शरद पवार द्वारा स्थापित इस पार्टी को पटना में विपक्षी दलों की बैठक के बाद विभाजन का सामना करना पड़ा है. शरद पवार के भतीजे अजित पवार के नेतृत्व वाला धड़ा बीजेपी और एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना की महाराष्ट्र सरकार में शामिल हो गया है. शरद पवार गुट वर्तमान में कांग्रेस और शिवसेना (यूबीटी) के साथ महाराष्ट्र में विपक्ष का हिस्सा है.
अजित पवार और उनके समर्थक 15 विधायकों ने सोमवार (17 जुलाई) को मुंबई के वाई बी चव्हाण सेंटर में शरद पवार से मुलाकात की थी और उनसे यह सुनिश्चित करने को कहा था कि पार्टी एकजुट रहे. हालांकि, एनसीपी प्रवक्ता ने कहा कि ऐसी बैठकों से कोई फर्क नहीं पड़ेगा, क्योंकि अलग हुए समूह का कदम ठीक नहीं था और इससे विश्वास में कमी आई है. दो जुलाई को महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री पद की शपथ लेने वाले अजित पवार और उनके समर्थक विधायकों की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) प्रमुख के साथ दो दिन में यह दूसरी बैठक थी.