विपक्षी दलों की बैठक खत्म होने के बाद महाराष्ट्र के पूर्व सीएम और शिवसेना (यूबीटी) के अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने अपना संबोधन दिया. उन्होंने कहा कि हमारी दूसरी मीटिंग हुई है. आपने देखा होगा कि तानाशाही के खिलाफ जनता इकट्ठा हो रही है. मल्लिकार्जुन खरगे ने अलायंस का नाम (INDIA) बता दिया. कुछ लोगों का कहना है कि हम परिवार के लिए लड़ रहे हैं. हां...हम परिवार के लिए लड़ रहे हैं क्योंकि देश ही हमारा परिवार है. इस परिवार को हमको बचाना है. कुछ लोग कहते हैं कि इनकी विचारधारा अलग-अलग है, यही तो प्रजातंत्र है.
उद्धव ठाकरे ने कहा कि अलग-अलग विचारधारा से होने के बावजूद भी हम साथ आए क्योंकि ये लड़ाई हमारी पार्टी की नहीं है. किसी व्यक्ति या किसी पार्टी के खिलाफ हमारी लड़ाई नहीं है बल्कि तनाशाही और नीति के खिलाफ हमारी लड़ाई है. एक जमाने में आजदी के लिए लड़ाई हुई थी अब आजादी खतरे में आई है. आजादी के लिए हम सब साथ आए हैं. हमें भरोसा है कि हम कामयाब हो जाएंगे.
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पूर्व सीएम ने कहा, "देश की जनता के मन में एक डर है कि आगे क्या होगा. देश की जनता को विश्वास दिलाना चाहते हैं कि डरो मत हम हैं. जैसे एक पिक्चर आई थी मैं हूं ना...उसी तरह हम हैं ना...इसलिए डरो मत." उन्होंने कहा कि एक व्यक्ति या पार्टी देश नहीं हो सकता है. हम अपने देश को सुरक्षित रखेंगे. अगली मीटिंग हम मुंबई में करेंगे.
गौरतलब है कि शिवसेना (यूबीटी) बालासाहेब ठाकरे द्वारा स्थापित शिवसेना पिछले साल जून में एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में विधायकों के एक बड़े हिस्से के बीजेपी से हाथ मिलाने के साथ विभाजित हो गई थी. 2019 के महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों के बाद, उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना ने बीजेपी के साथ अपने संबंध तोड़ लिये थे और महा विकास अघाड़ी सरकार बनाने के लिए एनसीपी और कांग्रेस के साथ हाथ मिला लिया था. शिंदे की बगावत के बाद फ्लोर टेस्ट से पहले उद्धव ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था और एमवीए की सरकार गिर गई थी.