Maharashtra News: पूरानी पेंशन योजना लागू करने की मांग को लेकर हड़ताल कर रहे महाराष्ट्र के सरकारी कर्मचारियों ने अपनी हड़ताल वापस लेने का ऐलान किया है. कर्मचारियों ने सीएम एकनाथ शिंदे के साथ हुई बैठक के बाद यह फैसला लिया. सरकारी कर्मचारी संगठन के सचिव अविनाश दौन ने कहा कि सीएम शिंदे ने कहा कि पुरानी पेंशन योजना भले ही लागू नहीं होगी लेकिन उन्होंने कर्मचारियों को नुकसान नहीं होने का भरोसा दिलाया है.
OPS को लेकर हड़ताल पर थे राज्य कर्मचारी
बता कि राज्य के करीब 17 लाख कर्मचारी पुरानी पेंशन योजना (OPS) की बहाली को 14 मार्च को हड़ताल पर चले गए थे. इसमें शिक्षक, सरकारी अस्पताल के नर्सिंग स्टाफ भी शामिल थे. सोमवार (20 फरवरी) को हड़ताल का सातवां दिन था.
क्या है OPS?
पुरानी पेंशन स्कीम यानी ओपीएस (Old Pension Scheme) में रिटायर्ड कर्मचारी को पेंशन की पूरी रकम सरकार देती थी. ओपीएस के तहत सरकारी कर्मचारी के रिटायर होने के बाद आखिरी मूल वेतन और महंगाई भत्ते की आधी रकम बतौर पेंशन जीवनभर सरकार की ओर से दी जाती है. इसके अलावा उन्हें साल दो बार महंगाई भत्ता भी बढ़कर मिलता है. पेंशन पाने वाले सरकारी कर्मचारी की मौत होने पर उसके आश्रितों को भी पेंशन देने का ओपीएस में प्रावधान था.
इसके अलावा पेंशन कमीशन लागू होने पर पेंशन रिवाइज्ड होने का भी फायदा रिटायर कर्मचारी को मिलता है. 80 साल की उम्र पूरी होने पर उसकी पेंशन में भी 20 फीसदी की बढ़ोत्तरी हो जाती है. वहीं 100 साल की उम्र पूरी होने पर पेंशन दोगुनी हो जाती है.
2004 में एनडीए सरकार ने खत्म कर दी थी OPS स्कीम
हालांकि 1 अप्रैल 2004 को एनडीए ने ओपीएस स्कीम को बंद कर दिया था और इसकी जगह नई पेंशन योजना (NPS) लागू की थी, जिसके तहत सरकारी कर्मचारी को मूल वेतन का 10 फीसदी हिस्सा देना होता है और राज्य सरकार इसमें केवल 14 फीसदी का योगदान देती है.
इन राज्यों में OPS बहाल
बता दें कि राजस्थान, छत्तीसगढ़, झारखंड, पंजाब और हिमाचल प्रदेश की राज्य सरकारों ने अपने राज्य के कर्मचारियों के लिए ओपीएस बहाल करने के अपने फैसले के बारे में केंद्र सरकार को सूचित कर दिया है.
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