Palghar: अस्पताल में नहीं मिली ICU, बच्चे के जन्म के बाद इलाज के लिए जा रही महिला की रास्ते में मौत
Palghar Latest News: देश में 100 में से एक प्रसूता की बच्चे के जन्म के बाद अत्यधिक रक्त बहने के कारण मौत हो जाती है. पालघर के एक गांव में इलाज के अभाव में गर्भवती महिला की मौत हो गई.
Maharashtra News: सरकारी उदासीनता और अस्पताल में बेहतर सुविधाओं के अभाव के कारण पालघर में एक 22 वर्षीय गर्भवती महिला की बच्चे को जन्म देने के बाद मौत हो गई. बच्चे को जन्म देने के बाद इस आदिवासी महिला को उचित इलाज नहीं मिल पाया था. बताया जा रहा है कि डिलीवरी के बाद पोस्टपार्टम हेमरेज के कारण उसकी मौत हो गई.
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक यह महिला पालघर के मोखाड़ा के छोटे से गांव में रहती थी. उसे 26 दिसंबर को एक सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया था. बच्चे के जन्म के बाद उसे पोस्टपार्टम हेमरेज हुआ जिस दौरान बहुत ज्यादा ब्लीडिंग होती है, जिस वजह से प्रसूता की मौत हो जाती है.
मोखाड़ा का मेडिकल सेंटर ऐसी समस्याओं से निपटने में नाकाफी है. हालत बिगड़ने पर परिजनों को कहा गया कि उसे जव्हार में बड़े अस्पताल में दिखाया जाए जो कि 20-22 किलोमीटर दूर था. महिला को जव्हार कुटीर अस्पताल लाया गया. वह उस वक्त भी बेहोशी का हालत में थी. उसे ब्लड चढ़ाया गया, लेकिन वह बेहोश ही रही. परिवार को सलाह दी गई कि उसे नासिक सिविल अस्पताल ले जाया जाए क्योंकि वहां आईसीयू की सुविधा उपलब्ध है.
बीच रास्ते प्रसूता ने तोड़ा दम
नासिक की दूरी 75-80 किलोमीटर दूर थी और भौगोलिक परिस्थितियों के कारण एंबुलेंस भी धीमी गति से चल रही थी. ऐसे में इलाज के अभाव में बीच रास्ते ही आशा ने दम तोड़ दिया. उधर, जव्हार अस्पताल के डॉ. भरत महाले ने कहा कि मरीज का बहुत ज्यादा खून बह रहा था. हमारे पास आईसीयू की सुविधा नहीं है.
घटना के बाद आया स्थानीय सांसद का बयान
इस घटना पर पालघर के सांसद हेमंत सावरा ने दुख जाहिर करते हुए कहा कि जव्हार में 200 बेड के अस्पताल को मंजूरी दी गई है और काम जल्द शुरू हो जाएगा. ट्रॉमा सेंटर बिल्डिंग और पालघर सिविल अस्पताल बिल्डिंग का काम लगभग पूरा हो गया है और वह जल्द जनता के लिए खुल जाएगा.
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