Pandharpur Wari 2022 Schedule-Date: जब भी पवित्र आषाढ़ी एकादश और कार्तिकी एकादशी नजदीक आती है, पंढरपुर तीर्थयात्रियों के समूह का स्वागत करने के लिए तैयार हो जाता है. जिन्हें 'वारकरी' कहा जाता है. जो अपने प्रिय भगवान विठोबा से मिलने के लिए आते हैं. बता दें कि ये भगवान विष्णु के अवतार हैं. इस दौरान जानेश्वर और तुकाराम जैसे संतों की पादुका (पैरों के निशान) की एक पालकी को उनके संबंधित मंदिरों से पंढरपुर ले जाया जाता है. इस यात्रा में लाखों भक्त हिस्सा लेते हैं. इसमें से ज्ञानेश्वर की पालकी आलंदी से शुरू होती है जबकि तुकाराम की पालकी देहु से शुरू होती है.


जानें कब शुरू हुई पालकी यात्रा


महाराष्ट्र के पंढरपुर में प्रसिद्ध विठोबा मंदिर की वार्षिक पंढरपुर यात्रा पंढरपुर वारी या एकादशी पंढरपुर वारी और पंढरपुर आषाढ़ी एकादशी वारी के रूप में भी प्रसिद्ध है. हर साल आषाढ़ के महीने में शुक्ल पक्ष की 11 तारीख को कई भक्त भगवान विट्ठल के दर्शन करने के लिए पंढरपुर के मंदिर शहर पहुंचते हैं. साल 2022 में, देहू, पुणे से तुकाराम महाराज की पंढरपुर यात्रा पालकी 20 जून 2022 को और आलंदी से संत ज्ञानेश्वर पालकी 21 जून 2022 को शुरू होगी. पालकी यात्रा 2022 आषाढ़ी एकादशी पर पंढरपुर में समाप्त होगी.


Maharashtra Politics: उद्धव ठाकरे को एक और झटका, इस पूर्व सांसद ने शिवसेना नेता के पद से दिया इस्तीफा


संत ज्ञानेश्वर पालकी शेड्यूल


21 जून 2022 आलंदी (यात्रा प्रारंभ)


22 और 23 जून 2022 पुणे


24 & 25 जून 2022 सासवाद


26 जून 2022 जेजुरीक


27 जून 2022 वेल्हे


28 और 29 जून 2022 लोनंद


30 जून 2022 तारडगांव


1 और 2 जुलाई 2022 फल्टन


3 जुलाई 2022 बाराद


4 जुलाई 2022 नैटप्यूट


5 जुलाई 2022 मलसीरास


6 जुलाई 2022 वेलापुर


7 जुलाई 2022 भंडीशेगांव


8 जुलाई 2022 वाखरी


9 जुलाई 2022 पंढरपुर


10 जुलाई 2022 आषाढ़ी एकादशी


11 और 12 जुलाई 2022 पंढरपुर


जानिए कब हुई परंपरा की शुरुआत


वारी परंपरा की शुरुआत कब हुई थी इसकी कोई निश्चित जानकारी तो उपलब्ध नहीं है, लेकिन कहा जाता है कि ये 700 से भी अधिक सालों चली आ रही है.


Watch: ड्रम बजाती दिखीं सीएम एकनाथ शिंदे की पत्नी, स्वागत में कुछ ऐसा था अंदाज, देखें वीडियो