Anil Deshmukh On Param Bir Singh: महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री और शरद पवार गुट के नेता अनिल देशमुख ने सोमवार (5 अगस्त) को दावा किया कि उप-मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह को गिरफ्तारी से बचाने की कोशिश की थी.


देशमुख ने कहा, ''देवेंद्र फडणवीस ने महाविकास आघाडी (एमवीए) सरकार को गिराने के लिए परमबीर सिंह से उनके (देशमुख के) खिलाफ आरोप लगाने को कहा था.''


बीजेपी ने क्या कहा?


भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि यह फडणवीस को बदनाम करने की रणनीति थी. बीजेपी ने यह सवाल भी उठाया कि एक नेता जो उस समय विपक्ष में था, वह पुलिस अधिकारी से ऐसा कैसे कह सकता है?


एनसीपी (शरदचंद्र पवार) के नेता अनिल देशमुख के दावों पर उप मुख्यमंत्री फडणवीस ने कहा, ‘‘झूठ बोले कौवा कटे...काले कौवे से डरियो.’’


परमबीर सिंह का क्या था दावा?


परमबीर सिंह ने आरोप लगाया था कि देशमुख ने गृह मंत्री के तौर पर अपने कार्यकाल के दौरान पुलिस अधिकारियों से बार और रेस्तराओं से हर माह 100 करोड़ रुपये वसूलने को कहा था. इस आरोप के मद्देनजर देशमुख ने 2021 में गृह मंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया था.


देशमुख ने यह भी दावा किया है कि बर्खास्त पुलिस अधिकारी सचिन वाजे फडणवीस के कहने पर उनके खिलाफ आरोप लगा रहे हैं. वाजे फरवरी 2021 में उद्योगपति मुकेश अंबानी के आवास ‘एंटीलिया’ के बाहर जिलेटिन की छड़ें लगाने और ठाणे के व्यवसायी मनसुख हिरन की हत्या के मामले में आरोपी है. वाजे वर्तमान में नवी मुंबई के तलोजा केंद्रीय कारागार में बंद है.


सोमवार को नागपुर में एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान पत्रकारों ने देशमुख से फडणवीस की उस टिप्पणी के बारे में पूछा जिसमें उन्होंने कहा था कि सिंह और वाजे की नियुक्ति तब की गई थी जब देशमुख गृह मंत्री थे.


फडणवीस के दावों पर क्या बोले अनिल देशमुख?


इसके जवाब में देशमुख ने दावा किया, ‘‘जब मैं महाराष्ट्र का गृह मंत्री था, तो हमें एक जांच में पता चला कि मुंबई के (तत्कालीन) शीर्ष पुलिस अधिकारी परमबीर सिंह उद्योगपति मुकेश अंबानी के ‘एंटीलिया’ आवास के पास मिली स्कॉर्पियो गाड़ी में जिलेटिन की छड़ें लगाने और स्कॉर्पियो गाड़ी के मालिक की हत्या के मामले के मुख्य साजिशकर्ता थे. सिंह ने अपने अन्य साथियों के साथ मिलकर इसे अंजाम दिया था.’’


राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) के नेता ने आरोप लगाया कि सिंह को तीन साल पहले गिरफ्तार किया जाना था और इससे बचने के लिए वह ‘‘फडणवीस और केंद्र सरकार की शरण में चले गए.’’


देशमुख ने दावा किया, ‘‘फडणवीस ने सिंह को आश्वासन दिया था कि उन्हें गिरफ्तार नहीं किया जाएगा, लेकिन इस शर्त पर कि उन्हें एमवीए सरकार को गिराने के लिए मेरे खिलाफ आरोप लगाने होंगे. इसलिए परमबीर सिंह ने मेरे खिलाफ आरोप लगाए.’’


परमबीर सिंह ने क्या कहा?


इस बीच, मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त सिंह ने एक मराठी समाचार चैनल से बात करते हुए देशमुख के आरोपों का जोरदार खंडन किया और कहा कि पूर्व गृह मंत्री अपना ‘‘मानसिक संतुलन’’ खो चुके हैं.


सेवानिवृत्त आईपीएस अधिकारी ने कहा, ‘‘मैंने जो भी आरोप लगाए थे, वे सभी प्रमाणित थे और ईडी और सीबीआई द्वारा की गई जांच में भी शामिल थे.’’


सिंह ने आरोप लगाया कि देशमुख न केवल मुंबई से बल्कि विभिन्न एजेंटों के माध्यम से अन्य स्थानों से भी पैसा इकट्ठा करते थे और जांच के दौरान इसके सबूत सामने आए हैं.


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