Swapnil Kusale Parents Says: भारत के पहली बार के ओलंपिक एथलीट स्वप्निल कुसाले ने गुरुवार को पेरिस ओलंपिक में पुरुषों की 50 मीटर राइफल में तीन स्थानों के साथ भारत को पहला कांस्य पदक दिलाया. क्वालीफाइंग में सातवें स्थान पर रहे स्वप्निल आठ निशानेबाजों के फाइनल में 451.4 अंकों के साथ तीसरे स्थान पर रहे. अपने बेटे पर गर्व व्यक्त करते हुए उनके माता-पिता ने गुरुवार को कहा कि उन्हें विश्वास है कि उनका बेटा तिरंगा और राष्ट्रीय पदक जीतेगा.
ओलंपिक कांस्य पदक विजेता स्वप्निल कुसाले के माता पिता ने गुरुवार को कहा कि उन्हें यकीन था कि उनका बेटा तिरंगे और देश के लिये पदक जीतेगा. स्वप्निल के पिता सुरेश कुसाले ने कोल्हापूर में पत्रकारों से कहा ,‘‘ हमने उसे उसके खेल पर फोकस करने दिया और कल फोन भी नहीं किया.’’
कड़ी मेहनत और समर्पण था जो आज रंग लाया
उन्होंने कहा ,‘‘ पिछले दस बारह साल से वह घर से बाहर ही है और अपनी निशानेबाजी पर फोकस कर रहा है. उसके पदक जीतने के बाद से हमें लगातार फोन आ रहे हैं.’’ स्वप्निल (28 वर्ष) की मां लगातार प्रार्थना कर रही थी और पदक मिलते ही उनकी आंखें भर पाई. मुकाबले का सीधा प्रसारण देख रहे परिजनों और पड़ोसियों ने ‘भारत माता की जय’ के नारे लगाये. स्वप्निल की ट्रेनिंग पर करीब 25 लाख रूपये खर्च करने वाले सुरेश ने कहा ,‘‘ यह उसकी कड़ी मेहनत और समर्पण था जो आज रंग लाया.’’
स्वप्निल की मां ने कहा ,‘‘ वह सांगली में पब्लिक स्कूल में था जब निशानेबाजी में उसकी रूचि जगी. बाद में वह ट्रेनिंग के लिये नासिक चला गया था.’
अगर वह जीत सकते हैं तो हम भी जीत सकते हैं
स्वप्निल 2015 से सेंट्रल रेलवे में कार्यरत हैं. उनके पिता और बड़े भाई जिला स्कूल में शिक्षक हैं और उनकी मां गांव की सरपंच हैं. उन्होंने अपने प्रदर्शन के बारे में कहा, "अब तक का अनुभव बहुत अच्छा रहा है." मुझे फोटोग्राफी पसंद है और इसलिए मुझे खुशी है कि मैं इसे इतने लंबे समय तक करने में सक्षम हूं. मनु बकर को देखकर मुझे आत्मविश्वास मिला. अगर वह जीत सकते हैं तो हम भी जीत सकते हैं. पेरिस ओलंपिक में भारत ने अब तक तीन पदक जीते हैं. तीनों पदक निशानेबाजी में जीते गए.
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